सऊदी अरब ने तब्लीग़ी जमात पर आखिर प्रतिबंध क्यों लगाया है? तब्लीग़ी जमात आख़िर क्या करता है? जानिए, भारत में इस पर कैसी प्रतिक्रिया हुई।
तब्लीग़ी जमात आख़िर क्या करता है कि उसपर प्रतिबंध तक लगाया जा रहा है? आख़िर सऊदी अरब ने उसे 'आतंकवाद के दरवाजों में से एक' क्यों बताया?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की हुई मुलाक़ात । पुतिन बोले - हम भारत को बड़ी शक्ति और एक परखा हुए दोस्त मानते हैं
पिछले साल तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए विदेशियों को तो बरी कर दिया गया था, लेकिन जिन लोगों पर ऐसे लोगों को शरण देने का आरोप था उसमें पुलिस ने क्या जाँच की?
कोरोना के भयंकर प्रकोप के बीच कुंभ में लाखों लोगों के जुटने पर भी शोर क्यों नहीं ? क्या एक धर्म विशेष ही फैलाता है कोरोना ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट-
सरकार के दोनों हलफ़नामों से साफ़ है कि वह दोषी मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करना चाहती। क्या इसलिए कि वे उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाते हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने तबलीग़ी ज़मात से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर केंद्र सरकार के रवैए पर उसे फटकारा है। उसने सरकार की ओर से दायर हलफ़नामे पर सवाल उठाया और टीवी चैनलों की ख़बरों के नियमन के लिए कुछ करने की बात भी कही है।
तबलीग़ी जमात की एक याचिका की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि एक जूनियर अफ़सर से हलफ़नामा दाखिल करा कर उसने अदालत के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया है।
पिछले हफ़्ते ही बॉम्बे हाई कोर्ट का विदेशी तब्लीग़ियों के पक्ष में फ़ैसला आने के बाद अब दिल्ली की एक अदालत ने तब्लीग़ी जमात के आठ सदस्यों को रिहा करते हुए कहा है कि इनके ख़िलाफ़ 'प्रथम दृष्टया कोई भी सबूत नहीं' है।
भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में तब्लीग़ी जमात को लेकर ख़ूब शोर मचा था, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने कहा है कि तब्लीग़ी जमात में विदेश से आए लोगों को 'बलि का बकरा’ बनाया गया।
बाम्बे हाईकोर्ट ने विदेशी तबलीग़ियों के ख़िलाफ़ एफआईआर रद्द करते हुए कहा है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया गया। कोर्ट ने मीडिया को दुष्प्रचार करने के लिए फटकार लगाई है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। कोर्ट: तबलीगी जमात के विदेशियों को बलि का बकरा बनाया गया।गुप्कर घोषणा: जम्मू-कश्मीर के नेता बोले- वापस लेंगे विशेष दर्जा
Suniye Sach में देखिए दिन के सबसे महत्वपूर्ण समाचारों पर हमारा विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
भारत में कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में जिस इसलामिक दीनी संगठन तब्लीग़ी जमात को लेकर खूब शोर मचा, उसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी की है।
राजस्थान में एक वाट्सऐप ग्रुप के स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। स्क्रीनशॉट में जो लिखा है वह धार्मिक नफ़रत फैलाने वाला है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मरकज़ निज़ामुद्दीन में मार्च के महीने में हुए तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम की सीबीआई जांच की ज़रूरत नहीं है।
एक वीडियो में तब्लीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ 'नफ़रत' की बात कहती दिखने वाली कानपुर के मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी को हटा दिया गया है।
दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की एक के बाद एक दाखिल हो रही चार्जशीट रोज़ नए खुलासे कर रही है। मगर असली खुलासा स्पेशल सेल द्वारा दाखिल होने वाली चार्जशीट में देखा जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के सबसे बड़े हॉस्पिटलों में से एक की प्रिंसिपल और डॉक्टर स्टिंग में कैमरे पर तब्लीग़ी जमात के ख़िलाफ़ नफ़रत वाले बयान देती दिख रही हैं।
तब्लीग़ी जमात के मुखिया मौलाना साद के ख़िलाफ़ आए दिन क़ानूनी शिकंजा कसने की ख़बरें आती हैं लेकिन सवाल यह है कि दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ़्तार क्यों नहीं कर रही है?
टीवी व सोशल मीडिया पर तब्लीग़ी जमात को लेकर हुए दुष्प्रचार का उन पर इतना असर था कि वे अपने ही बच्चों, भाइयों, बहुओं, हमजोलियों को जमाती कह रहे थे!
कोरोना में 14 दिन या ज़्यादा से ज़्यादा 28 दिन क्वैरेंटीन में रखा जाता है । फिर यूपी में किसके कहने पर तबलीगियों को 50 दिन रखा गया ?
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि तब्लीग़ी जमात उनका जबरन धर्मांतरण करा रहा है। उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन किया है।
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद कंधलवी के कथित ऑडियो पर रहस्य गहराता जा रहा है। उनका आडियो फ़ेक न्यूज़ है, उसके साथ छेड़छाड़ की गयी है या वह असली है, यह कैसे पता चले?
दिल्ली में मुसलिम समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए और जो फ़िलहाल क्वॉरंटीन में हैं, ऐसे 567 विदेशी नागरिकों को पुलिस को सौंपा जाएगा।
दिल्ली पुलिस की जाँच में पता चला है कि तबलीग़ी प्रमुख मौलाना साद का जो वीडियो वायरल हुआ था, वह कई ऑडियो क्लिप्स को एडिट कर बनाया गया था। क्या है सच? देखिए सत्य हिन्दी पर प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।