करूर में हुई भगदड़ के मामले में तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा ट्विस्ट आ गया है। अभिनेता से राजनेता बने जोसेफ विजय ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को खुला चैलेंज दे दिया है। भगदड़ को लेकर विजय ने कहा, 'सीएम साहब, अगर आपको हमसे बदला लेना है तो मेरे साथ जो चाहो कर लो। मेरे समर्थकों और पार्टी वर्कर्स को मत छुओ। मैं घर पर या ऑफिस में मिलूंगा।' यह बयान विजय की नई पार्टी तमिलागा वेट्री कझागम यानी टीवीके की रैली में हुई त्रासदी के तीन दिन बाद आया है, जिसमें 41 लोगों की जान चली गई।

भगदड़ की यह घटना 27 सितंबर को करूर जिले में हुई। विजय अपनी पार्टी टीवीके की रैली के लिए वहां पहुंचे थे। इजाजत सिर्फ 10 हज़ार लोगों की थी, लेकिन क़रीब 30 हज़ार लोगों की भीड़ जमा हो गई। विजय के देर से पहुंचने और भीड़ के उमड़ने से अफरा-तफरी मच गई। नतीजा? 41 लोग कुचले गए और मर गए। कई लोग घायल भी हुए। पुलिस ने तुरंत टीवीके के करूर जिला सचिव वी.पी. मथियाझागन, राज्य महासचिव 'बुसी' आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इन पर लापरवाही का आरोप लगा। दो वर्कर्स को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
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इन कार्रवाइयों के बीच विजय ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने दुख जताया और कहा, 'मेरा दिल दर्द से भरा है। मेरी जिंदगी में कभी इतना दुख नहीं हुआ। लोग मुझ पर भरोसा और प्यार के कारण आए थे। हमने कोई गलती नहीं की। जगह सरकार ने ही दी थी। हमने पुलिस से सुरक्षित जगह मांगी थी।' उन्होंने पुलिस पर भी सवाल उठाए कि सुरक्षा में चूक क्यों हुई? विजय ने कहा, 'हमने पांच जिलों का दौरा किया, लेकिन सिर्फ करूर में ऐसा क्यों हुआ? लोग सब देख रहे हैं। सच्चाई जल्द सामने आएगी।' विजय ने कहा कि हमारे नेताओं और सोशल मीडिया दोस्तों पर एफआईआर क्यों?

विजय के निशाने पर स्टालिन

वीडियो में विजय का सबसे तीखा हिस्सा स्टालिन को संबोधित था। विजय ने कहा, 'मुख्यमंत्री सर, अगर आपको बदला लेना है, अगर आपके मन में प्रतिशोध की भावना है, तो मुझ पर कुछ भी करें। मेरे घर या ऑफिस पर आ जाएं। लेकिन मेरे नेताओं, साथियों, समर्थकों और सोशल मीडिया दोस्तों पर हाथ न डालें। हमने कोई गलती नहीं की।' उन्होंने पुलिस द्वारा टीवीके नेताओं पर दर्ज एफआईआर का जिक्र किया और कहा कि यह बदले की कार्रवाई लग रही है। विजय ने जोर देकर कहा, 'सच्चाई सामने आएगी। हमारी राजनीतिक यात्रा और मजबूत व साहसी बनेगी।'
विजय ने रैली स्थल से जल्दी निकलने की आलोचना पर सफाई दी। उन्होंने कहा, 'मैं भी इंसान हूँ। इतने लोगों के प्रभावित होने पर करूर कैसे छोड़ सकता था? लेकिन स्थिति को संभालने के लिए जाना पड़ा।' उन्होंने पुलिस से सुरक्षित जगह चुनने की अपील की थी, लेकिन फिर भी हादसा हो गया।

स्टालिन ने विजय पर हमले से परहेज किया

मुख्यमंत्री स्टालिन ने शुरू में विजय को निशाना बनाने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि एक सदस्यीय जांच आयोग फैसला लेगा। विजय का नाम एफआईआर में नहीं लिया गया। उनका मकसद शायद राजनीतिक लड़ाई से बचना था, क्योंकि विजय की पार्टी तेजी से बढ़ रही है। अब लोग कह रहे हैं कि स्टालिन की नरमी ने विजय को और मजबूत बना दिया। 
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डीएमके के सांसद ए. राजा ने तंज कसा, 'विजय भगदड़ के बाद करूर से भाग गए, जिन्हें अपराध का डर होता है वही ऐसा करता है।' सरकार ने वीडियो जारी कर दिखाया कि टीवीके वर्कर्स ने नियम तोड़े और छत पर चढ़ गए थे। 

इधर, टीवीके ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य पुलिस से जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की। पार्टी का कहना है कि यह राजनीतिक साजिश है। एनडीए-बीजेपी का एक आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को करूर पहुंचा और घायलों से मिला। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी दौरा किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।

अब आगे क्या होगा?

जाँच आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है। विजय ने कहा कि वे पीड़ितों से मिलेंगे और सच्चाई सबके सामने लाएंगे। स्टालिन सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। 2026 चुनाव नजदीक हैं और यह घटना तमिलनाडु की राजनीति को नया मोड़ दे सकती है। क्या विजय का यह चैलेंज स्टालिन के लिए मुसीबत बनेगा? फिलहाल, करूर के परिवार शोक में डूबे हैं, और पूरे राज्य में प्रार्थनाएं हो रही हैं।