योगी आदित्यनाथ के ‘दो नमूने’ वाले तंज पर अखिलेश यादव ने जवाबी हमला बोला। सपा प्रमुख ने कहा कि ये उनकी आत्मस्वीकृति है और सलाह दी कि भाजपाई अपनी अंदरूनी खींचतान चौराहे पर न लाएं।
अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष पर हमला बोलते हुए 'दो नमूने' वाला तंज कसा। यह साफ़ तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर था। लेकिन अखिलेश ने इस पर तुरंत पलटवार किया और इसे बीजेपी के अंदर की लड़ाई का 'कबूलनामा' बता दिया। यह पूरा मामला अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा हो रही है।
यह घटना विधानसभा के शीतकालीन सत्र की है। समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार पर कोडीन कफ सिरप की तस्करी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर समय पर कार्रवाई होती तो सैकड़ों बच्चों की जान बच सकती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उत्तर प्रदेश में इस सिरप से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई। उन्होंने विपक्ष को जवाब देते हुए बिना नाम लिए कहा, 'देश के अंदर दो नमूने हैं, एक दिल्ली में और एक लखनऊ में बैठते हैं। जब देश में कोई चर्चा होती है तो वह तुरंत देश छोड़कर भाग जाते हैं। मुझे लगता है कि आपके 'बबुआ' के साथ भी यही हो रहा है। वह फिर से इंग्लैंड की सैर पर निकल जाएंगे और आप लोग यहां चिल्लाते रहेंगे।'
दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने 'बबुआ' कहकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा। इस शब्द का वह अक्सर राजनीतिक रैलियों में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है और सिरप की लेन-देन में समाजवादी पार्टी के लोहिया वाहिनी के एक पदाधिकारी का बैंक अकाउंट शामिल है। योगी ने आरोप लगाया कि यह सब राजनीति से प्रेरित है और इसमें समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग शामिल हैं।
योगी के इस बयान का वीडियो उन्होंने खुद एक्स पर पोस्ट किया, जो तेजी से वायरल हो गया। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद अखिलेश यादव ने इसका जवाब दिया। अखिलेश ने इसे बीजेपी के अंदर दिल्ली और लखनऊ के बीच चल रही खींचतान का सबूत बताया। उन्होंने योगी की तस्वीर और बयान का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, 'आत्म-स्वीकृति! किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई यहाँ तक पहुँच जाएगी। संवैधानिक पदों पर बैठे लोग आपस में कुछ तो लोक-लाज रखें और मर्यादा की सीमा न लाँघें। भाजपाई अपनी पार्टी के अंदर की खींचातानी को चौराहे पर न लाएं। कहीं कोई बुरा मान गया तो वापस जाना पड़ेगा।'
बीजेपी में अंतर्कलह?
अखिलेश का कहना है कि योगी का 'दो नमूने' वाला बयान बीजेपी के अंदर की कलह को खुलेआम स्वीकार करना है। समाजवादी पार्टी लंबे समय से दावा करती आ रही है कि केंद्र के बीजेपी नेतृत्व और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बीच तनाव है। वे कहते हैं कि उप-मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति और कुछ नौकरशाहों की पोस्टिंग इसी का नतीजा है, जो योगी की ताक़त को कम करने के लिए की गई हैं। हालाँकि, योगी आदित्यनाथ ने ऐसे दावों को खारिज किया है और कहा है कि वे पार्टी की वजह से ही इस पद पर हैं।
यह पहली बार नहीं है जब योगी ने विपक्ष पर ऐसे तंज कसे हैं। इससे पहले बिहार चुनाव से पहले एक रैली में उन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव और आरजेडी के तेजस्वी यादव को 'तीन बंदर' कहा था। उन्होंने कहा था, 'जैसे महात्मा गांधी के तीन बंदर थे, वैसे ही इंडिया गठबंधन ने पप्पू, टप्पू और अप्पू (राहुल, अखिलेश और तेजस्वी) के रूप में तीन बंदर लाए हैं। पप्पू सच नहीं बोल सकता, टप्पू सच नहीं देख सकता और अप्पू सच नहीं सुन सकता।'उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
कोडीन सिरप से उठा विवाद
यह विवाद विधानसभा में उठे मुद्दे से शुरू हुआ, जहाँ विपक्ष ने कोडीन सिरप की तस्करी पर सरकार को घेरा। योगी ने इसे राजनीतिक साज़िश बताया और कहा कि अगर गहराई से जाँच करें तो समाजवादी पार्टी का हाथ निकलेगा। अब यह मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है, जहां दोनों नेता एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं। माना जा रहा है कि यह 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले की तैयारी है, जहां बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर होगी।
कोडीन सिरप का विवाद मुख्य रूप से कोडीन-आधारित कफ सिरप की अवैध तस्करी और दुरुपयोग से जुड़ा है, जो एक नशीला पदार्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह एक बड़ा सिंडिकेट है, जिसकी कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी गठित की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी में कोडीन सिरप से कोई मौत नहीं हुई है और सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत कार्रवाई हो रही है। योगी ने सपा पर आरोप लगाया कि गिरफ्तार आरोपियों के समाजवादी पार्टी से लिंक हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का हर माफिया एसपी से जुड़ा है।समाजवादी पार्टी के आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार कोडीन सिरप मामले के आरोपियों को पूरा संरक्षण दे रही है और इस बड़े रैकेट के तथ्यों को छिपा रही है। उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक बदले की भावना से काम करने और चुनिंदा फोटोज का इस्तेमाल कर एसपी को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने अपराधियों और अधिकारियों के बीच नेक्सस का आरोप लगाया और कहा कि आरोपियों की संपत्तियों का आकलन करने वाली टीमें डर से पीछे हट गईं।