उत्तर प्रदेश के बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा, 'राहुल जी भी अपनी कुल परंपरा को आगे बढ़ाएँ यह अच्छी बात है। उनकी माताजी (सोनिया गाँधी) भी इटली में इसी पेशे से थीं और आज फिर सपना को भी उन्होंने अपना बना लिया। मैं तो धन्यवाद दूँगा राहुल जी को कि जैसे आपके पिताजी (राजीव गाँधी) ने सोनिया जी को अपना बना लिया, आप भी भारत की राजनीति में सपना को अपना बनाकर राजनीति की नई पारी की शुरुआत करें।'
सुरेंद्र सिंह ने आगे कहा, '(राहुल गाँधी) इसके लिए आपको साधुवाद लेकिन भारत की जनता कभी भी नर्तकी को देश चलाने की इजाजत नहीं देती। देश नरेंद्र मोदी जैसे ईमानदार और चरित्रवान नेता के हाथों में होना चाहिए। नर्तकी के आने से भारतीय राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
मुझे ख़ुशी है कि अब राहुल जी ने नेताओं पर भरोसा हटा लिया है और नर्तकी पर भरोसा करना चालू कर दिया है। सबसे अच्छा तो यह हो गया है अब सास और बहू दोनों ही एक ही कल्चर और एक ही पेशे से रहेंगी।
बीजेपी की विधायक साधना सिंह के बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर दिए गए बयान पर काफ़ी हंगामा हुआ था। साधना सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मायावती किन्नर से भी ज़्यादा बदतर है, क्योंकि न तो वह नर है और न ही महिला।' गेस्ट हाउस कांड का हवाला देते हुए साधना सिंह ने कहा था कि चीरहरण होने के बाद भी वह (मायावती) गठबंधन कर रही है। साधना सिंह यूपी के चंदौली जिले की मुगलसराय सीट से विधायक हैं।
प्रियंका के राजनीति में आने पर बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि कांग्रेस ‘चॉकलेटी’ चेहरों का सहारा लेकर चुनाव लड़ना चाहती है। बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री गोविंद नारायण झा ने प्रियंका के बारे में कहा था कि ‘सुंदर’ होने के अलावा प्रियंका गाँधी की कोई और उपलब्धि नहीं है।
शास्त्रों में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता अर्थात जहाँ महिलाओं का आदर होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं। लेकिन ख़ुद को भारतीय संस्कृति का चौकीदार बताने वाली बीजेपी के विधायक, सांसद और मंत्री महिलाओं के ख़िलाफ़ घटिया बयान देते रहे हैं। लेकिन बीजेपी के नेतृत्व की ओर से कभी ऐसे नेताओं के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई नहीं की गई, जिससे वे ऐसे बयान देने की जुर्रत नहीं कर सकें।