पूरे देश को झकझोर देने वाले हाथरस गैंगरेप मामले और इसमें प्रशासन की 'मनमानी' को लेकर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच अधिकारियों की खोज-ख़बर लेगी। पीड़िता के शव को देर रात को जलाने और इस पूरे मामले में अधिकारियों की 'ज़्यादती' पर अदालत ने मामले में हस्तक्षेप किया। कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
हाथरस- मृतका से क्रूरता हुई; बाद में, यदि सच है तो, परिवार के घावों पर नमक छिड़का गया: हाई कोर्ट
- उत्तर प्रदेश
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- 2 Oct, 2020
हाथरस गैंगरेप को लेकर उत्तर प्रदेश में मचे हाहाकार के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है।

अदालत ने नोटिस में कहा है कि मामला 'सार्वजनिक महत्व और सार्वजनिक हित का है क्योंकि इसमें राज्य के अधिकारियों द्वारा ज़्यादती का आरोप शामिल है। इस कारण न केवल मृतक पीड़िता और बल्कि उसके परिवार के सदस्यों के बुनियादी मानव और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।'
न्यायाधीशों ने कहा, 'जैसा कि दिख रहा है कि अपराध करने वालों द्वारा मृतका के साथ बेहद क्रूरता की गई थी, और उसके बाद क्या हुआ, अगर सच है तो परिवार के दुख को बढ़ाने वाला और उनके घावों पर नमक छिड़कने वाला है।'