निश्चित रूप से मायावती ने ये ट्वीट करके कांग्रेस पर दबाव बहुत ज़्यादा बढ़ा दिया है। लेकिन लगता है कि सावरकर को लेकर न तो कांग्रेस कभी अपने स्टैंड से पीछे हटेगी और न ही शिवसेना। कांग्रेस उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी माँगने वाला और गद्दार बताती है तो शिवसेना क्रांतिकारी, वीर और देवता तुल्य।