जिस पंचांग से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है, क्या उसकी मदद से अपराध पर काबू पाया जा सकता है? कम से कम उत्तर प्रदेश पुलिस ने तो ऐसी ही योजना बनाई है। पुलिस का मानना है कि अपराध की अधिकांश घटनाएं 'कृष्ण पक्ष' में 'अमावस्या' से एक सप्ताह पहले और उसके एक सप्ताह बाद होती हैं। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि इस अवधि के दौरान अपराध की घटनाओं की मासिक समीक्षा की जानी चाहिए।