यूपी के सिद्धार्थनगर में पुलिस जुल्म सारी हदें पार कर गया। बेटे को पुलिस गिरफ्तारी से बचाने के लिए उसकी मां को गोली मार दी गई। उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने पूरे थाने के खिलाफ केस दर्ज का ढिंढोरा पीटा लेकिन एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई। अब पूरे मामले को अलग रुख देकर दबाया जा रहा है। पाकिस्तान में दो सिखों की हत्या पर देश के तमाम न्यूज चैनल विशेष शो चला रहे हैं जबकि सिद्धार्थनगर की घटना उनके चैनलों से गायब है। कुछ अखबारों ने इसकी खबर छापी है तो आरोपी को सीधे अपराधी लिख दिया गया है। जबकि पुलिस के पास आरोपी का कोई आपराधिक रेकॉर्ड तक नहीं है। अभी तक पुलिस की वजह से तीन महिलाओं की जान जा चुकी है लेकिन विपक्षी दलों ने चुप्पी साध रखी है।