अयोध्या में आतंक फैलाने के आरोप में पकड़े गए युवक
यूपी पुलिस महानिदेशक (डीजी), कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पुष्टि की है कि तीनों आरोपियों की पहचान राजस्थान निवासी शंकर दुसाद उर्फ शंकर जाजोद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि शंकर दुसाद और प्रदीप पूनिया सीकर जिले के निवासी हैं जबकि अजीत कुमार शर्मा झुंझुनू जिले का निवासी है।
डीजीपी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि शंकर दुसाद कनाडा स्थित एक अन्य हथियार तस्कर हरमिंदर सिंह लांडा के माध्यम से कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि खालिस्तानी नेताओं ने दुसाद को गुप्त रूप से अयोध्या जाकर उसका नक्शा तैयार करने को कहा था। उन्होंने बताया कि गुरुवार को अयोध्या में त्रिमूर्ति होटल के सामने वाहन चेकिंग के दौरान दुसाद और उनके दो साथियों को हिरासत में लिया गया।
एटीएस के प्रेस नोट के मुताबिक 21 मार्च, 2016 से सात साल से अधिक जेल में बिताने के बाद दुसाद को 15 मई, 2023 को सेंट्रल जेल, बीकानेर से जमानत पर रिहा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि दुसाद ने खालिस्तानी समूहों के साथ संबंध बनाए। बीकानेर जेल में रहते हुए जब उसकी मुलाकात एक कैदी लखबिंदर सिंह से हुई, जिसने उसे अपने भतीजे पम्मा से मिलने के लिए कहा, जिसके माध्यम से वह कनाडा स्थित खालिस्तानी नेता सुखबिंदर गिल उर्फ सुखडोल सिंह सिंह उर्फ सुखदिल के संपर्क में आया, जिसकी सितंबर 2023 में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि दुसाद व्हाट्सएप कॉल के जरिए सुखबिंदर और हरमिंदर सिंह लंडा के संपर्क में था।