लखनऊ में सोमवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सड़क पर उतरे। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में आज से ही विधानमंडल का सत्र भी शुरू हुआ है और समाजवादी पार्टी तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ मैदान में उतरी।
सपा की योजना पार्टी दफ्तर से विधानसभा तक पैदल मार्च करने की थी। लेकिन पुलिस ने विधानसभा से काफी पहले ही अखिलेश यादव व कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसके बाद अखिलेश यादव धरने पर बैठ गए।
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सपा के अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं ने भी प्रदर्शन किया।
14 सितंबर को भी लखनऊ में सपा के कार्यकर्ताओं ने तमाम मुद्दों पर आवाज़ बुलंद की थी। तब कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी और पार्टी के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। अखिलेश यादव से लेकर कई विधायकों के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई थी।
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बता दें कि अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोक दल, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल के अपना दल (कमेरावादी) के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन बनाया था। लेकिन यह गठबंधन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सका था।
कुछ दिन पहले ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल सिंह यादव सपा गठबंधन से अलग हो गए थे। सपा गठबंधन के एक और सहयोगी केशव देव मौर्य भी विधान परिषद चुनाव में टिकट के बंटवारे को लेकर नाराजगी जता चुके हैं और गठबंधन से दूरी बनाए हुए हैं।
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