अफजाल अंसारी पहले ही बसपा को अलविदा कह चुके हैं। लेकिन सपा ने उनका नाम अपनी सूची में क्यों डाला यह सवाल ज्यादा महत्वपूर्ण है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम शेरवानी ने रविवार को पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी में मुसलमानों की स्थिति को लेकर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पार्टी मुसलमानों की उपेक्षा कर रही है। समझा जाता है कि सलीम शेरवानी के प्रभाव को खत्म करने के लिए अखिलेश ने अफजाल अंसारी का नाम सूची में शामिल किया। क्योंकि मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी बसपा और सपा में आते-जाते रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति के हिसाब से दोनों भाई बसपा-सपा के लिए महत्वपूर्ण बने रहे हैं।