यूपी चुनाव 2022 में बीजेपी की जीत के आधार में व्यापक सामाजिक गठबंधन ने बड़ी भूमिका निभाई है। उसने 2014 के बाद जिस तरह इस आधार को तैयार किया, वो 2022 में यूपी चुनाव में बरकरार दिखा। यूपी चुनाव में यह भी प्रचार ज्यादा था कि इस बार ब्राह्मण और जाट बीजेपी से नाराज हैं लेकिन आंकड़े कुछ और बताते हैं। देश के प्रतिष्ठित अखबार द हिन्दू ने लोकनीति-सीएसडीएस का चुनाव के बाद का सर्वेक्षण प्रकाशित किया है। इसमें जाति-वार वोट वरीयता के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। उसी से पता चलता है कि बीजेपी का ओबीसी आधार न सिर्फ मजबूत है, बल्कि उसने कुछ और भी तबकों को जोड़ा है।


हालांकि सपा ने भी उच्च जातियों को छोड़कर कुछ ओबीसी समुदायों के बीच अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, लेकिन वो बीजेपी को हराने के लिए पर्याप्त नहीं था।