दंगों के बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जबरदस्त सफलता मिली थी और हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल का सफाया हो गया था। ध्रुवीकरण का असर पूरे उत्तर प्रदेश में भी दिखा था।
जाट समुदाय की महापंचायत से लौट रहे लोगों पर हमला हुआ था। इसके बाद दंगे शुरू हुए थे, जो मुज़फ्फर नगर और इसके आस-पास के जिलों में फैल गए थे। इन दंगों में 62 लोगों की मौत हो गई थी और 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों को बेघर होना पड़ा था।