यूपी के नतीजों ने जहां पूरे देश को चौंकाया है। वहीं हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करने वालों को सबक सिखाया है। अयोध्या के मतदाता ने राम को लाने का दम भरने वालों को उनकी जगह बता दी है। लेकिन इन सबके बीच जिस पर चर्चा नहीं हो रही है, वो यह की बहुजन समाज पार्टी और मायावती की साख को भी यूपी में भारी धक्का लगा है। एक भी सीट इस बार नहीं मिली। यह भी कहा जा सकता है कि यूपी ने मायावती को खारिज कर दिया है। इतनी जबरदस्त चोट के बावजूद बसपा यूपी में 9.39% वोट पाने में सफल रही है। यानी मायावती अगर इंडिया गठबंधन में होतीं या सपा-कांग्रेस के साथ खड़ी होतीं तो न उनका वोट बैंक सपा में खिसकता और कुछ सीटें भी मिल जातीं। इतना ही नहीं यूपी में इंडिया की सीटें और बढ़ जाती। 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटें पाने वाली बसपा इस मौके से चूक गई और अपनी साख खत्म कर ली।
बसपा यूपी में कैसे लुढ़क गईं, मायावती ने मुसलमानों पर गुस्सा निकाला
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Mar, 2025
लोकसभा चुनाव 2024 बहुजन समाज पार्टी और इसकी प्रमुख मायावती की राजनीति के लिए याद रखा जाएगा। यूपी में मजबूत दलित वोट बैंक होने के बावजूद मायावती ने ऐसी राजनीति की, जिससे फिलहाल यूपी में उसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है। हालांकि राजनीति में कभी पार्टी या नेता कभी खारिज नहीं होता। लेकिन यूपी में बसपा के प्रदर्शन से मायावती की साख को जबरदस्त धक्का पहुंचा है। वैसे मायावती ने इस हार के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहरा दिया है। समझिए पूरा गणितः

मायावती