यूपी के नतीजों ने जहां पूरे देश को चौंकाया है। वहीं हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करने वालों को सबक सिखाया है। अयोध्या के मतदाता ने राम को लाने का दम भरने वालों को उनकी जगह बता दी है। लेकिन इन सबके बीच जिस पर चर्चा नहीं हो रही है, वो यह की बहुजन समाज पार्टी और मायावती की साख को भी यूपी में भारी धक्का लगा है। एक भी सीट इस बार नहीं मिली। यह भी कहा जा सकता है कि यूपी ने मायावती को खारिज कर दिया है। इतनी जबरदस्त चोट के बावजूद बसपा यूपी में 9.39% वोट पाने में सफल रही है। यानी मायावती अगर इंडिया गठबंधन में होतीं या सपा-कांग्रेस के साथ खड़ी होतीं तो न उनका वोट बैंक सपा में खिसकता और कुछ सीटें भी मिल जातीं। इतना ही नहीं यूपी में इंडिया की सीटें और बढ़ जाती। 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटें पाने वाली बसपा इस मौके से चूक गई और अपनी साख खत्म कर ली।