जाने-माने शायर मुनव्वर राणा ने कहा, ‘यह हमेशा से होता आया है, जब कोई शाह या शहंशाह किसी शहर में आता है तो वहां के फ़क़ीर और उनके बेटे-बेटियों को बंद कर दिया जाता है।’
राणा ने कहा, ‘ऐसा लगा कोई शाह नहीं आया, कोई हिटलर आ गया, उसने राणा की बेटियों को बंद कर दिया। लेकिन हमारे गृह मंत्री ख़ुशनसीब हैं कि मेरी बेटियां हैं, अगर बेटे होते तो वे भी धरने में खड़े होते।’