बनारस में गंगा तट पर पूजा और आरती के साथ ही किसी भी धार्मिक-सामाजिक आयोजन पर टैक्स लगा दिया गया है। इतना ही नहीं, बनारस में गंगाघाट पर छतरी ले बैठने वाले पुरोहितों-पंडों को भी अब सालाना पंजीकरण शुल्क देना होगा।
निगम प्रशासन ने लगातार होने वाले कार्यक्रमों के लिए भी शुल्क निर्धारित करते हुए कहा है कि 15 दिन से 1 साल या अधिक समय तक होने वाले आयोजन चाहे वह सामाजिक या फिर सांस्कृतिक हो 5000 सालाना शुल्क के दायरे में आएँगे।