यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में आख़िर किसका पलड़ा भारी रहेगा? लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद बीजेपी वापस उबर पाएगी या फिर अखिलेश मज़बूत होंगे?
लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में मोदी सरकार बने हुए करीब एक महीने हो हो गए हैं। लेकिन यूपी भाजपा में अभी तक हार की समीक्षा और सिर फुटव्वल जारी है। भाजपा का एक धड़ा योगी आदित्यनाथ को घेरना चाहता है लेकिन अभी तक नाकाम है। लखनऊ से कुमार तथागत की रिपोर्टः
यूपी में सातवें चरण का चुनाव जातियों की जटिलता से लड़ने का चुनाव है। सातवां चरण 2019 में जितना मुश्किल था, 2024 में उससे भी ज्यादा मुश्किल है, क्योंकि विपक्ष ने कई सीटों पर पिछड़े वोटों में प्रत्याशी के जरिए सेंधमारी कर दी है। जानिए यूपी में सातवें और आखिरी चरण के चुनाव की राजनीति कुमार तथागत सेः
उत्तर प्रदेश में छठे चरण में 14 सीटों पर किस गठबंधन का पलड़ा भारी है? बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का या फिर इंडिया गठबंधन का? जानिए, इंडिया गठबंधन ने क्या 'खेल' कर दिया है।
क्या उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था और इस वजह से पार्टी के रणनीतिकार अमित शाह को कमान संभालना पड़ा? जानिए, आख़िर वह यूपी की राजनीति में क्या तिकड़म अपना रहे हैं।
लोकसभा के दूसरे चरण में यूपी में 8 सीटों पर भाजपा और इंडिया गठबंधन की लड़ाई है। भाजपा के लिए दूसरा चरण भी आसान नहीं है। देखना है कि इस चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ पाता है या नहीं। मोदी ने सोमवार को अलीगढ़ में रैली की। उनका भाषण बता रहा है कि पार्टी यूपी को लेकर कहीं न कहीं असहज है। गांवों मेें भाजपा प्रत्याशियों का विरोध खुलेआम हो रहा है। भाजपा अपनी रणनीति बदल रही है। लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार कुमार तथागत की रिपोर्टः
क्या उत्तर प्रदेश के घोसी में होने वाले उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया की मिली जुली कोशिश दिख रही है? जानिए, आखिर घोसी का उपचुनाव चर्चा में क्यों है।
जाति व्यवस्था को लेकर मोहन भागवत के बयान से क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को ताक़त मिली है? जानिए उन्होंने खुद को शूद्र बताते हुए भागवत को क्या चुनौती दे दी।
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी कोटे की 36 सीटों के लिए चुनाव में अखिलेश यादव गड़बड़ी के आरोप क्यों लगा रहे हैं? जानिए, क्या चल रहा है चुनाव में।
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने के बाद भी योगी सरकार के गठन में इतना वक्त क्यों लग रहा है। क्या बीजेपी को सहयोगी दलों को मनाने में मुश्किलें आ रही हैं।
बीते दो महीनों से इमरान मसूद कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और किसी तरह की जिम्मेदारी लेने से भी बच रहे थे। तभी से उनका सपा में जाना तय माना जा रहा था।
मायावती ने कुछ और बड़े नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। रामअचल राजभर, लाल जी वर्मा सहित तमाम बड़े नेताओं के बाद बारी तिवारी परिवार के सदस्यों की है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले क्या कांग्रेस अपने संगठन को मज़बूत करने के लिए पदयात्रा और नुक्कड़ सभाएँ करने जा रही है? जानिए क्या है यूपी कांग्रेस की योजना।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस लगातार बड़े एलान कर रही है। इससे पहले पार्टी ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 40 फ़ीसदी टिकट महिलाओं को देगी।