प्रशांत भूषण को अवमानना के अदालत के फ़ैसले पर विरोध बढ़ रहा है। क्या अदालत वाणी की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना चाहता है? क्या कोर्ट प्रशान्त भूषण को जेल भेजेगा?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।