दिल्ली में हुए दंगों में मरने वालों और घायलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दंगों के बाद यह बात साफ़ दिखती है कि दोनों समुदायों के मन में जो टकराव है वह गहरा हो चुका है और दोनों ही ख़ुद को इस बात के लिये तैयार कर रहे हैं कि अगर भविष्य में उन पर कहीं हमले हों तो, वे मुक़ाबले के लिये तैयार रहें। इसके अलावा ऐसा लगता है कि दंगाइयों को ट्रेनिंग दी गई है। दिल्ली दंगों को लेकर सुनिये क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।