ममता पर बैन । वो धरने पर बैठी । लेकिन हिंमत और अधिकारी के ज़हरीले बयानों की अनदेखी ? आशुतोष के साथ चर्चा में उमाकांत लखेड़ा, राजेश बादल, प्रभाकर तिवारी, नीरेद्र नागर ।Satya Hindi
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।