स्टेन स्वामी को स्ट्रॉ न देना अमानवीय नहीं?
केंद्रीय कानून मंत्री को ऐतराज़ है कि न्यायपालिका के रवैये को न्यायिक बर्बरता क्यों कहा जा रहा है। सवाल उठता है कि अगर न्याय व्यवस्था मानवीय मानदंडों को भूलकर फ़ैसले सुनाने लगे तो उसे बर्बरता क्यों नहीं माना जाना चाहिए? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट