दिल्ली हिंसा को लेकर क्या सु्प्रीम कोर्ट पर किसी तरह का दबाव है? आख़िर कोर्ट ने क्यों कहा कि अदालत इतना दबाव नहीं झेल सकती है? क्या दिल्ली हिंसा को लेकर भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं पर कार्रवाई करने का दबाव है? देखिए सत्य हिंदी पर आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।