• About Us
  • Mission Statement
  • Board of Directors
  • Ethics and Standards
  • Grievance Redressal
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
☰
home-tab.png
  • देश
  • राज्य
  • राजनीति
  • दुनिया
  • विश्लेषण
  • विचार
  • वीडियो
  • वक़्त-बेवक़्त
  • होम
  • /
  • वीडियो
  • /
  • लॉकडाउन अभी बचा है, पर मज़दूरों के पास खाने को कुछ नहीं बचा

ट्रेंडिंग
ख़बर

पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी का दफ्तर शिफ्ट करने को मंजूरी, ममता से नया टकराव

पश्चिम बंगाल

सोनिया गांधी-राहुल गांधी को हेराल्ड केस में नई FIR से डराने की कोशिश

देश

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, SIR पर हंगामा तय, विपक्ष का अल्टीमेटम

देश

बंगाल ने स्वीकारा नया वक्फ संशोधन क़ानून, महीनों की जिद के बाद ममता अब क्यों झुकीं?

पश्चिम बंगाल

जस्टिस नागरत्ना का इशारा किस तरफ- 'चेहरे बदलने मात्र से पुराने फैसले न पलटें'

देश

मौलाना महमूद मदनी का हमला- 'सुप्रीम कोर्ट सरकार के दबाव में, सुप्रीम कहलाने का हक़ नहीं'

देश

दूसरी तिमाही की जीडीपी 8.2%, आर्थिक चमत्कार या आँकड़ों का जादू?

अर्थतंत्र

मुस्लिम पत्रकार का घर गिराया तो हिंदू ने प्लॉट दान किया- 'नफ़रती अंधेरे को चीरती रोशनी'

जम्मू कश्मीर
Satya Hindi Bulletin
SIR
ECI
BJP
Karnataka Congress
Narendra Modi
Indian Economy
Rahul Gandhi
pankaj srivastava
TMC
Modi Government
Supreme Court
CM Siddaramaiah
Election Commission of India
DK Shivakumar
Gyanesh Kumar
West Bengal SIR
Karnataka Politics
PM Modi
Tata Group

लॉकडाउन अभी बचा है, पर मज़दूरों के पास खाने को कुछ नहीं बचा

  • वीडियो
  • |
  • |
  • 6 Apr, 2020
लॉकडाउन में फँसे दिहाड़ी मज़दूरों के पास एक दिन के लायक भी खाने-पीने की चीजें नहीं बची हैं, उन्हें यह उम्मीद भी नहीं है कि लॉकडाउन ख़त्म होने के तुरन्त बाद स्थिति में सुधार होगा और उन्हें काम मिल जाएगा। एक सर्वे में यह पाया गया है। कौन सर्वे? क्या है मामला? कौन कह रहा है ये बातें? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक के साथ।
  • Jan Sahas survey
  • Daily Workers Nothing to Eat
  • no food for daily workers
  • no food for construction workers

© 2025 Camword Private Limited. All Rights Reserved