लोकतंत्र का विकास ग़ैर-लोकतांत्रिक शासन प्रणालियों-तानाशाही, राजशाही, कुलीनतंत्र और अभिजाततंत्र आदि से लड़कर हुआ है। एक समृद्ध, विस्तृत और परिपक्व लोकतंत्र में भी गैर-लोकतांत्रिक ताक़तें छिपी रहती हैं। ये गैर लोकतांत्रिक शक्तियां अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिए कई बार सुषुप्तावस्था में बने रहने का ढोंग भी करती रहती हैं और कई बार कैमोफ्लाज यानी छलावरण का सहारा लेकर ख़ुद को सदा बचाए रखती हैं यह कभी समाप्त नहीं होती।