जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस ने जो किया उसे क्या कहा जाए? क्या पुलिस क़ानून व्यवस्था बहाल करने का अपना फर्ज निभा रही थी? जब पुलिसकर्मी पुस्तकालय में जबरन घुस रहे थे, खिड़कियाँ तोड़कर आँसू गैस और मिर्च के गोले दाग रहे थे, अंदर घुसकर छात्र-छात्राओं पर हमला कर रहे थे तो क्या वे क़ानून व्यवस्था बहाल कर रहे थे?
जामिया के छात्रों से अपराधियों सा सलूक क्यों?
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- अपूर्वानंद
- |
- 16 Dec, 2019


अपूर्वानंद
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस ने जो कार्रवाई की है, वह क्या उसने क़ानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए की थी। क्या पुलिस छात्रों को विरोध की जुर्रत करने के लिए सज़ा दे रही थी। सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि जो प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा था वह अचानक हिंसक कैसे हो गया?
जामिया की कुलपति ने बयान दिया है कि उनकी अनुमति के बगैर पुलिस परिसर में घुसी और वहां मौजूद छात्रों पर हमला किया। कुलपति से पहले कुलानुशासक ने भी वक्तव्य दिया कि पुलिस बिना इजाजत लिए परिसर में घुस गई। इसका क्या जवाब है पुलिस के पास? पुलिस का बयान है कि पहले पत्थरबाज़ी हुई और बसों में आग लगाई गई। इसके बाद उसके पास बल प्रयोग के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। जिन्होंने यह किया था, उन्हें पकड़ने के लिए उसे जामिया में घुसना पड़ा।
- Apoorvanand
- Citizenship (Amendment) Bill 2019 Protest
अपूर्वानंद
अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी पढ़ाते हैं।