भारत में दूसरों के प्रति उत्सुकता और सद्भाव अपराध बन गया है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से संबद्ध 4 अध्यापकों के ख़िलाफ़ मुक़दमे और उनमें से एक की गिरफ़्तारी से ज़ाहिर है कि भारत में एक संगठन है जो इस बात पर आमादा है कि किसी भी तरह हिंदुओं को मुसलमानों के क़रीब न आने दिया जाए और उनके बारे में कुछ भी जानने न दिया जाए।
समझदार हिंदू बढ़ेंगे तो हिंदुत्ववादी राजनीति कैसे फलेगी-फूलेगी?
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- |
- 2 Jun, 2025

यदि समाज में जागरूक और तार्किक सोच वाले हिंदुओं की संख्या बढ़े तो क्या हिंदुत्ववादी राजनीति का प्रभाव घटेगा? तो फिर हिंदुत्ववादी राजनीति कैसे फलेगी-फूलेगी, पढ़िए, अपूर्वानंद क्या लिखते हैं।
जब ख़बर पढ़ी कि घासीदास विश्वविद्यालय के एनएसएस के एक शिविर में कुछ अध्यापकों ने प्रतिभागियों से जबरन नमाज़ पढ़वाई तभी समझ में आ गया कि यह सिरे से झूठ है। बेहतर होता कि अख़बार लिखते कि नमाज़ पढ़वाने के इल्ज़ाम में 5 हिंदू अध्यापकों पर एफ़आईआर की गई है। हिंदू अध्यापकों पर आरोप है कि उन्होंने एक समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाई, राष्ट्रीय एकता को तोड़ने का काम किया। यहाँ तक कि उनपर ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से लोगों को इकट्ठा होने का भी आरोप है।