सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कुछ टेलीविज़न चैनलों को नोटिस भेजी है कि वे अपने हिंदी कार्यक्रमों में उर्दू शब्दों का इस्तेमाल बंद कर दें। कहना चाहिए कि उन्होंने भारत के एक नागरिक की शिकायत के चलते टी वी चैनलों की तम्बीह की है। महाराष्ट्र के ठाणे में रहनेवाले किन्हीं श्रीवास्तवजी ने मंत्रालय को लिखा कि टी वी चैनल कहते तो हैं कि वे हिंदी कार्यक्रम दिखला रहे हैं लेकिन उनमें वे कोई 30% उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। यह दर्शकों के साथ धोखाधड़ी है और अपराध है। मंत्रालय को उनकी बात में दम नज़र आया और उसने टी वी वालों को फ़ौरन से पेश्तर इस शिकायत को दूर करने के लिए कदम उठाने की हिदायत का ख़त भेजा।
क्या हिन्दी में उर्दू की मिलावट उसे भ्रष्ट कर रही है, चैनलों को फरमान क्यों
- वक़्त-बेवक़्त
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- 22 Sep, 2025

हिन्दी में उर्दू और उर्दू में हिन्दी
Hindi Urdu RSS: भारत सरकार ने हिन्दी चैनलों में उर्दू भाषा के शब्दों के इस्तेमाल पर जवाब तलब किया है। इस तरह का विरोध नया नहीं है। गोडसे ने गांधी जी की हत्या की कई वजहों में जो एक बताई थी, उसमें हिन्दी में उर्दू की मिलावट भी थी। गोलवलकर संस्कृत के हिमायती थे।