loader

क्या सॉलिसिटर जनरल ने नारद मामले के अभियुक्त शुभेंदु अधिकारी से मुलाक़ात की थी?

क्या सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नारद घूसखोरी मामले में अभियुक्त शुभेंदु अधिकारी से मुलाक़ात की थी? यह सवाल अहम इसलिए है कि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मेहता ने अभियुक्त से मुलाक़ात कर नियम क़ानून का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही पार्टी ने मेहता को पद से हटाने की माँग की है।

दूसरी ओर, तुषार मेहता ने कहा है कि  शुभेंदु अधिकारी ने उनसे मिलने की कोशिश तो की थी, पर उन्होंने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही यह मामला गहरा गया और पेचीदा हो गया है। 

ख़ास ख़बरें

क्या है मामला?

तुषार मेहता ने कहा है कि शुभेंदु अधिकारी बग़ैर पूर्व सूचना के उनके घर पहुँच गए, पर उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया और इस तरह उनकी मुलाक़ात नहीं हुई थी। 

यह अहम इसलिए है कि तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिख कर शिकायत की थी कि सॉलिसिटर जनरल ने नारद घूसखोरी मामले के अभियुक्त से मुलाक़ात कर तमाम नियम क़ानूनों का उल्लंघन किया है। 

did solicitor general tushar mehta meet shubhendu adhikari? - Satya Hindi

क्या है चिट्ठी में?

तृणमूल कांग्रेस के इस नेता ने चिट्ठी में कहा है कि एक वायरल हुए वीडियो में शुभेंदु अधिकारी को पैसे लेते हुए देखा जा सकता है। इस मामले की जाँच सीबीआई कर रही है और तुषार मेहता सीबीआई की ओर से इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। 

उन्होंने यह भी लिखा है कि सारदा मामले में एक अभियुक्त सुदीप्त सेन ने शुभेंदु अधिकारी पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए चिट्ठी लिखी है। इस मामले में भी सीबीआई की पैरवी तुषार मेहता कर रहे हैं। 

डेरेक ओ ब्रायन ने लिखा है कि यह मानने के कई साफ कारण हैं कि नारदा मामले को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, जो ग़लत है।

उन्होंने यह भी लिखा है कि यह 'कॉनफ़्लिक्ट ऑफ़ इन्ट्रेस्ट' का मामला भी है क्योंकि तुषार मेहता सरकार की ओर से पैरवी करेंगे और अभियुक्त उनसे पहले ही मिल रहा है। 

क्या कहना है मेहता का?

सॉलिसिटर जनरल ने एक बयान जारी कर इस पर सफाई दी है और कहा है कि उन्होंने अभियुक्त से मिलने से इनकार कर दिया था। बयान में कहा गया है, 'श्री शुभेंदु अधिकारी कल तीन बजे के आसपास बग़ैर पूर्व सूचना के मेरे घर आए। मैं पहले से तय एक दूसरी बैठक में था, लिहाज़ा मेरे कर्मचारी ने उनसे बैठ कर इंतजार करने का आग्रह किया और एक कप चाय की पेशकश की। बैठक ख़त्म होने के बाद मेरे निजी सचिव ने श्री अधिकारी के बारे में मुझसे कहा।'

इसके आगे मेहता ने कहा है,

मैंने सचिव से कहा कि वे अधिकारी को बता दें कि मैं उनसे नहीं मिल सकता और उनके इंतजार करते रहने के लिए उनसे माफ़ी माँगता हूँ। श्री अधिकारी ने मेरे निजी सचिव को धन्यवाद कहा और मुझे मिलने के लिए ज़ोर दिए बग़ैर लौट गए। इसलिए श्री अधिकारी से मेरी मुलाक़ात का सवाल ही नहीं उठता है।


तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल, के बयान का अंश

क्या है नारद घूसखोरी मामला?

बता दें कि सबसे पहले यह नारद स्टिंग ऑपरेशन का नाम 2016 के मार्च महीने में विधानसभा चुनावों के ठीक पहले सामने आया था। इस स्टिंग के टेप नारद न्यूज़ की वेबसाइट पर जारी किए गये थे। इस वेबसाइट को मैथ्यू सैमुएल ने बनाया था। मैथ्यू सैमुएल पहले तहलका नाम की पत्रिका में कार्यरत थे और वह संस्था के मैनेजिंग एडिटर थे। बाद में उन्होंने तहलका से इस्तीफ़ा दे दिया था।

कहा जाता है कि इस स्टिंग को 2014 में अंजाम दिया गया था, लेकिन तब इसे जारी नहीं किया जा सका था। तब एक रिपोर्ट के अनुसार मैथ्यू सैमुएल ने क़रीब 52 घंटे का फुटेज बनाया था। इस फुटेज में तत्कालीन सरकार के कई मंत्रियों के होने का दावा किया गया था।

उस स्टिंग के वीडियो में नज़र आने वाले बड़े नेताओं में मुकुल राय, सुब्रत मुखर्जी, सुल्तान अहमद, शुभेंदु अधिकारी (अब बीजेपी में शामिल), काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, शोभन चटर्जी, मदन मित्र, इक़बाल अहमद और फिरहाद हकीम शामिल थे। उनके अलावा कथित तौर पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एम.एच. अहदम मिर्ज़ा को भी पैसे लेते दिखाया गया था।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पश्चिम बंगाल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें