क्या मतदाता सूची में गड़बड़ियों के आरोप पर चुनाव आयोग की सफ़ाई ने ममता बनर्जी के आरोपों को ही साबित किया है? कम से कम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने तो यही दावा किया है। ममता ने पहले आरोप लगाया था कि कई मतदाताओं के पास एक ही चुनावी फोटो पहचान पत्र यानी ईपीआईसी संख्या है। उन्होंने कहा था कि एक से अधिक मतदाताओं की पहचान पत्र संख्या एक कैसे हो सकती है, यह धांधली है। इसी पर चुनाव आयोग ने रविवार को सफ़ाई जारी की। इसने जो सफ़ाई जारी की उसमें भी टीएमसी ने आयोग को फँसा दिया।
ECI ने ही साबित किया ममता के चुनाव धोखाधड़ी के आरोप सच: TMC
- पश्चिम बंगाल
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- 5 Mar, 2025 
कई फोटो मतदाता पहचान पत्रों पर एक समान संख्या को लेकर ममता बनर्जी के चुनाव धोखाधड़ी के आरोपों में कितना दम? चुनाव आयोग की सफ़ाई पर ही सवाल क्यों उठ रहे हैं?

दरअसल, ममता बनर्जी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने एक बयान में साफ़ किया कि ईपीआईसी संख्या में दोहराव का मतलब डुप्लिकेट या नकली मतदाता नहीं है। इसने कहा, 'ईपीआईसी नंबर के बावजूद कोई भी मतदाता अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपने मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां वह मतदाता सूची में नामांकित है और कहीं और नहीं।' लेकिन टीएमसी ने चुनाव आयोग के इस बयान को मतदाता सूची में गड़बड़ी का सबूत बता दिया।


































