बुद्धिजीवियों के लिए मशहूर और भद्र लोक बंगाली के लिए परिचित राज्य की राजनीति अब बदल गई है। जिस राज्य में नीतियों पर चुनाव प्रचार होता था धर्म और जाति की बात कोई सार्वजनिक मंच तो क्या आपसी और निजी बातचीत में भी नहीं करता था, वहाँ अब पहचान की राजनीति इतनी गहरी हो गई है कि धर्म और जाति ही नहीं, गोत्र तक की दुहाई दी जा रही है।
चंडी पाठ के बाद ममता ने अपना गोत्र बताया, क्या हो गया बंगाल को?
- पश्चिम बंगाल
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- 31 Mar, 2021


पश्चिम बंगाल की मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से अपना गोत्र शांडिल्य बताया है। हालांकि उन्होंने इसे वोट से नहीं जोड़ा है, पर उनका मक़सद साफ है, वह यह बताना चाहती हैं कि वह हिन्दू हैं, ब्राह्मण हैं और उसमें भी उच्च गोत्र की कन्या हैं।




























