क्या केंद्र सरकार के अधीन चलने वाले विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्मत्य सेन को निशाने पर ले रहे हैं? क्या वे इसके लिए झूठ भी बोल रहे है?
विश्व भारती की ज़मीन : सरकार के निशाने पर अमर्त्य सेन?
- पश्चिम बंगाल
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- 24 Dec, 2020
क्या केंद्र सरकार के अधीन चलने वाले विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्मत्य सेन को निशाने पर ले रहे हैं?

ये सवाल अहम इसलिए हैं कि सेन ने अलग-अलग समय में कई बार नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और बीजेपी-आरएसएस की आलोचना की है। ये प्रश्न महत्वपूर्ण इसलिए भी हैं कि स्वयं प्रधानमंत्री ने हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्री पढ़ाने वाले सेन का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि लोग 'हॉवर्ड जाते हैं, उन्होंने 'हार्ड वर्क' किया है।'
विश्व भारती विश्वविद्यालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा है कि कई लोगों ने विश्वविद्यालय की ज़मीन पर ग़ैरक़ानूनी कब्जा कर रखा है, उसमें प्रोफ़ेसर सेन का भी नाम है। इसमें कहा गया है कि कई प्लॉट को ग़लत तरीके से दर्ज किया गया है, विश्वविद्यालय की ज़मीन का अवैध तरीके से ट्रांसफर किया गया है और कई लोगों ने रबींद्रनाथ टैगोर की ख़रीदी गई ज़मीन पर रेस्तरां और दूसरे व्यावसायिक प्रतिष्ठान तक खोल लिए हैं।