बिहार विधानसभा चुनाव में पाँच सीटें जीत कर सबको हैरत में डालने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) ने अब पश्चिम बंगाल का रुख किया है। पार्टी प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव के नतीजे आते ही एलान कर दिया था कि अब उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी।
बंगाल: ओवैसी को कैसे रोकेंगी ममता बनर्जी?
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 18 Nov, 2020

सूफ़ी संत लालन फ़कीर का पश्चिम बंगाल बदल चुका है, गंगा और पद्मा में बहुत पानी बह चुका है। भद्रलोक बंगालियों में लड़ाई अब सिर्फ गंगा-पद्मा, इस पार-उस पार या हिलसा मछली के स्वाद को लेकर ही नहीं होती, वोटों को लेकर भी होती है। और ये लड़ाइयाँ राजनीतिक सिद्धान्त, भूमि सुधार आन्दोलन, बटाईदारी क़ानून या उखड़ रहे उद्योगों को केंद्र में रख कर नहीं, बल्कि हिन्दू-मुसलमान के मुद्दे पर भी होने लगी हैं। खुले आम मुसलमानों की राजनीति करने वाले असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी इस लड़ाई को कितना और कैसे प्रभावित करेगी? दो लेखों की श्रृंखला की पहली कड़ी।