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तुर्की में अब तक 11000 मौतें, भारत की मदद पहुंची

दो दिन पहले तुर्की-सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद से और उसके बाद के थोड़ी सी कम तीव्रता वाले झटकों के बाद वहां तबाही का दौर जारी है। अबतक की जानकारी के अनुसार 11000 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। 
भूकंप का असर तुर्की सहित उसके कई पड़ोसियों पर भी पड़ा है। अब तक की जानकारी के अनुसार तुर्की के मालट्या, उरफा, उस्मानिया और दियारबाकिर इलाकों इसका असर सबसे ज्यादा है। इस संबंध में मदद के इंतजार में मलबे में दबे दो छोटे भाई-बहन की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। जिससे अंदाजा लगाया सकता है कि तबाही कितनी भीषण है।  
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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिणी तुर्की में राहत और बचाव के प्रयास अभी भी जारी हैं। आपदा में मारे गए लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि शवों को सड़कों पर ही छोड़ दिया जा रहा है। आपदा से प्रभावित 10 राज्यों में अगले तीन महीने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के अनुसार देश की 85 मिलियन आबादी में से 13 मिलियन लोग भूकंप से प्रभावित हैं।
तुर्की में राहत और बचाव कार्य जारी है। तुर्की और सीरिया के लिए दुनिया भर से मदद भेजी जा रही है। भारत की तरफ से भी मदद भेजी जा रही है। भारत की तरफ से पहले ही चार 108 टन राहच सामग्री के साथ चार सी-17 विमान तुर्की के लिए और एक विभान सीरिया के लिए पहले ही भेजा जा चुका है। आने वाले दिनों में भारत कुछ और राहत सामग्री भेजने पर विचार कर रहा है। एनडीआरएफ के खोज और बचाव दल में 100 से अधिक कर्मी शामिल हैं। जो इन अभियानों के लिए जरूरी उपकरणों, वाहनों और खोजी कुत्तों के साथ हैं।
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सीरिया के लिए भी भारत की तरफ स पहले ही 6 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है, जिसमें 3 ट्रक सामान्य और सुरक्षात्मक उपकरण, आपातकालीन उपयोग की दवाएं, सिरिंज और ईसीजी मशीनों, मॉनिटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं सहित जरूरी उपकरण शामिल हैं। भारत की तरफ से भेजी गई बचाव और राहत के लिए तुर्की ने भारत का आभार जताया है।
भारत के अलावा दुनिया भर से तुर्की और सीरिया को मदद भेजी जा रही है। इसमें WHO, रूस, पोलेंड जैसे पड़ोसी देश भी शामिल हैं।  संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)  प्रमुख टेड्रोस ने पहले ही भूकंप से प्रभावित सबसे कमजोर और घायलों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए आपातकालीन चिकित्सा टीमों के अपने नेटवर्क को सक्रिय कर दिया  है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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