बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या में एक नया मोड़ आ गया है। हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ लोग उस्मान की हत्या करवा कर फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव को रोकना या बिगाड़ना चाहते हैं।

शरीफ उस्मान हादी 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। यह आंदोलन पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में सफल रहा था। हादी 'इंकिलाब मंचो' नाम के संगठन के प्रवक्ता थे और ढाका से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। 12 दिसंबर को ढाका में मस्जिद से निकलते समय नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। सिर में गोली लगने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। सिंगापुर ले जाकर इलाज कराया गया, लेकिन 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
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हादी के भाई का बड़ा आरोप

हादी की मौत के बाद ढाका समेत पूरे बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुए। भीड़ ने प्रमुख अखबारों के दफ्तरों और कुछ सांस्कृतिक संगठनों पर हमला किया। अब हादी के भाई उमर हादी ने ढाका के शाहबाग में एक विरोध प्रदर्शन में सीधे अंतरिम सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'तुमने उस्मान हादी को मरवाया और अब इस मुद्दे का इस्तेमाल करके चुनाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हो।'

उमर ने आगे कहा कि हादी फरवरी में चुनाव चाहते थे और इसके लिए जमीन पर तैयारी कर रहे थे। उन्होंने चेताया, 'हत्यारों का जल्दी ट्रायल कराओ ताकि चुनाव का माहौल खराब न हो। सरकार ने अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखाई। अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला तो तुम्हें भी एक दिन बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ेगा।' यह इशारा शेख हसीना की ओर था, जो पिछले साल प्रदर्शनों के बाद भारत भाग गई थीं।

उमर ने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वे किसी एजेंसी या 'विदेशी आकाओं' के सामने नहीं झुके।

अंतरराष्ट्रीय जाँच हो: इंकिलाब मंचो

द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार इंकिलाब मंचो के एक अन्य सदस्य अब्दुल्लाह अल जाबेर ने कहा कि यह हत्या जुलाई क्रांति की उपलब्धियों और बांग्लादेश की संप्रभुता को ख़त्म करने की 'गहरी साजिश' है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच की मांग की और हत्यारों को जल्दी पेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि ओस्मान की हत्या में अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां ​​और देश के अंदर काम करने वाले फासीवादी सहयोगी शामिल थे। जाबेर ने यह भी मांग की कि सरकार एक तय समय के अंदर अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच करके हत्यारों को जनता के सामने पेश करे, ऐसा न करने पर वे अपना विरोध प्रदर्शन और तेज़ करेंगे।

प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे रहने और न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखने की बात कह रहे हैं। हालांकि, उन्होंने 25 दिसंबर को कोई कार्यक्रम नहीं करने का फैसला किया, क्योंकि उस दिन बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी बीएनपी के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान 17 साल बाद लंदन से वापस आ रहे हैं। इंकिलाब मंचो के नेता उम्मीद कर रहे हैं कि तारिक रहमान उनकी लड़ाई में समर्थन देंगे।
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दूसरी ओर, मुहम्मद यूनुस ने हादी की गोलीबारी को 'सुनियोजित हमला' बताया था और कहा था कि साजिशकर्ताओं का मक़सद चुनाव को पटरी से उतारना है। मौत के बाद उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया और शांति की अपील की। सरकार ने तेज ट्रायल का वादा किया है और दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी कर इनाम घोषित किया है।

यह घटना बांग्लादेश की राजनीति को और गरमा रही है। फरवरी 2026 में होने वाले चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।