अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेवक़ूफ़ी की बड़ी भारी क़ीमत उनका देश चुका रहा है। उनकी बेवक़ूफ़ी का एक और ताज़ा उदाहरण सामने आया है। ट्रंप अब मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोजाइक्लोरोक्वीन के ‘चमत्कार’ के बारे में बात कह रहे हैं। वह मलेरिया के इलाज में होने वाली इस दवा को कोरोना के मरीजों को देने की वकालत कर रहे हैं। ऐसा वह तब कह रहे हैं जब तमाम डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसका विरोध कर रहे हैं। और न ही किसी प्रयोगशाला में यह प्रमाणित हुआ है कि कोरोना का इलाज इस दवा से संभव है।
कोरोना: ट्रंप की बेवक़ूफ़ी से लाखों अमेरिकियों की जान सांसत में
- दुनिया
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- 6 Apr, 2020
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की बेवक़ूफ़ी की बड़ी भारी क़ीमत उनका देश चुका रहा है। उनकी बेवक़ूफ़ी का एक और ताज़ा उदाहरण सामने आया है। ट्रंप अब मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोजाइक्लोरोक्वीन के ‘चमत्कार’ के बारे में बात कह रहे हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप जब रविवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने आए तो उनके अपने ही बयानों में भारी अंतर्विरोध दिखा। बेवक़ूफ़ी दिखी। और यह दिखा कि वह डॉक्टरों और विशेषज्ञों की बातों को नज़रअंदाज़ कर अपने ही ढंग से कोरोना से निपटना चाहते हैं। जब वह कोरोना वायरस टास्क फ़ोर्स को लेकर मीडिया को जानकारी देने के लिए आए तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस पर मलेरिया वाली इस दवा के प्रभाव पर और अधिक अध्ययन की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि मलेरिया वाली दवा का अभी परीक्षण किया जा रहा है। इसके बावजूद ट्रंप ने कह दिया कि इस दवा का इस्तेमाल कोरोना मरीजों के लिए किया जाए। ट्रंप के बगल में ही सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े दो बड़े अफ़सर खड़े थे जिन्होंने मलेरिया वाली दवा देने की बात का समर्थन करने से इनकार कर दिया है।