अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमिटी के डेमोक्रेटिक सदस्यों ने सेक्स अपराधी जेफरी एपस्टीन की एस्टेट से प्राप्त नई तस्वीरें जारी की हैं। एपस्टीन की मौत हो चुकी है। इन तस्वीरों में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स, प्रसिद्ध भाषाविद् और राजनीतिक कार्यकर्ता नोम चॉम्स्की, पूर्व व्हाइट हाउस चीफ स्ट्रैटेजिस्ट स्टीव बैनन समेत कई प्रमुख हस्तियां एपस्टीन के साथ नजर आ रही हैं। ये तस्वीरें बिना तारीख और संदर्भ के हैं, जिनमें कुल 68 फोटो शामिल हैं।

कमिटी को एपस्टीन की एस्टेट से 95,000 से अधिक तस्वीरें प्राप्त हुई हैं। जारी की गई इन तस्वीरों में अन्य प्रमुख नामों में फिल्मकार वुडी एलन, जादूगर डेविड ब्लेन, गूगल के पूर्व सीईओ सलार कमंगर और कॉलमनिस्ट डेविड ब्रूक्स शामिल हैं। एक तस्वीर में एपस्टीन स्टीव बैनन से बात करते दिख रहे हैं।

इन तस्वीरों के अलावा, कुछ अन्य परेशान करने वाली सामग्री भी जारी की गई है, जैसे महिलाओं के चेहरे ब्लर किए गए फोटो, विदेशी पासपोर्ट (रूस और चेक गणराज्य के), एपस्टीन का अमेरिकी पासपोर्ट, और कुछ मैसेज के स्क्रीनशॉट। एक मैसेज में रूस से लड़कियों को स्काउट करने और 1000 डॉलर प्रति लड़की की बात की गई है, जिसमें "J" के लिए उपयुक्त होने का जिक्र है। एक फोटो में किसी के पैर पर व्लादिमीर नाबोकोव की किताब 'लोलिता' का कोट लिखा हुआ है, साथ ही एक दवा की बोतल भी दिखाई दे रही है।

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डेमोक्रेटिक सांसद रॉबर्ट गार्सिया ने कहा, "ओवरसाइट डेमोक्रेट्स एपस्टीन एस्टेट से तस्वीरें और दस्तावेज जारी करना जारी रखेंगे ताकि अमेरिकी लोगों को पारदर्शिता दी जा सके।" उन्होंने कहा कि ये नई तस्वीरें जस्टिस डिपार्टमेंट के पास मौजूद सामग्री को लेकर और सवाल उठाती हैं। सांसद रो खन्ना ने कहा कि अमीर लोग जो ऐसी हरकतों को छिपाते थे, अब जवाबदेह ठहराए जाएंगे।

यह रिलीज जस्टिस डिपार्टमेंट की एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज जारी करने की डेडलाइन से एक दिन पहले आई है। पहले जारी बैचों में डोनाल्ड ट्रंप, बिल क्लिंटन, वुडी एलन, लैरी समर्स और प्रिंस एंड्रयू जैसे नाम सामने आए थे। यहां यह बताना ज़रूरी है कि एपस्टीन के साथ तस्वीर होना किसी गलत काम का सबूत नहीं है। एपस्टीन 2019 में जेल में आत्महत्या कर चुके हैं और उनके मामले में कई जांचें चल रही हैं।

एपस्टीन का भारत कनेक्शन

जेफरी एपस्टीन, एक दोषसिद्ध सेक्स अपराधी और ट्रैफिकिंग के आरोपी, की फाइलों और ईमेलों से भारत से जुड़े कुछ कनेक्शन सामने आए हैं। ये मुख्य रूप से 2014 से 2019 के बीच के हैं, और हाल ही में (नवंबर 2025) अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमिटी द्वारा जारी दस्तावेजों से पता चले हैं। ध्यान दें कि ये कनेक्शन किसी गलत काम का सीधा सबूत नहीं हैं, लेकिन इनसे सवाल जरूर उठते हैं। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

पीएम मोदी का नाम कैसे

2019 में, एपस्टीन ने पूर्व ट्रंप सलाहकार स्टीव बैनन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का प्रस्ताव दिया था। मोदी की दोबारा चुनाव जीत के दिन (23 मई 2019) बैनन ने एपस्टीन को मैसेज किया कि वे मोदी पर एक शो कर रहे हैं, जिस पर एपस्टीन ने जवाब दिया कि मोदी का फोकस चीन को रोकना है। एपस्टीन ने बैनन से कहा, "you should meet with modi" और बाद में मैसेज किया, "modi on board"। यह मिलन चीन के खिलाफ रणनीति से जुड़ा था, लेकिन कोई मीटिंग नहीं हुई क्योंकि एपस्टीन की गिरफ्तारी हो गई थी। इसके अलावा, 2017 में एपस्टीन के ईमेल में मोदी की अमेरिका यात्रा को "Israel strategy" का हिस्सा बताया गया, जो भारत-इसराइल संबंधों से जुड़ा था।

हरदीप सिंह पुरी का नाम क्यों उछल रहा

एपस्टीन के कैलेंडर में 2014 से 2017 के बीच हरदीप सिंह पुरी (वर्तमान पेट्रोलियम मंत्री और भाजपा नेता) से कम से कम पांच मीटिंग्स दर्ज हैं। उस समय पुरी इंटरनेशनल पीस इंस्टीट्यूट के वाइस प्रेसिडेंट थे। एक 2014 ईमेल में एपस्टीन ने UNGA के दौरान पुरी को आमंत्रित किया था (नाम गलत स्पेलिंग से "Hardeep Puree" लिखा)। पुरी ने कहा कि उन्हें एपस्टीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

अनिल अंबानी से कनेक्शन

 2017 में अनिल अंबानी (रिलायंस डिफेंस के प्रमुख) ने एपस्टीन को मोदी की अमेरिका यात्रा पर एक न्यूज आर्टिकल ईमेल किया, जिस पर एपस्टीन ने जवाब दिया, "India Israel Key - not for email"। यह भारत-इसराइल हथियार सौदों से जुड़ा था, जहां अंबानी की कंपनी इसराइली फर्म राफेल के साथ पार्टनर थी।

एपस्टीन के 2006 के ईमेल दुबई में भारतीय बिजनेसमैन से डील दिखाते हैं। हाल की फाइलों में भारतीय elites और US राजनीति के बीच कनेक्शन का जिक्र है, लेकिन कोई सीधा भारतीय सेक्स स्कैंडल नहीं। ये कनेक्शन मुख्य रूप से जियो पॉलिटिक्स, चीन विरोध और भारत-इसराइल संबंधों से जुड़े लगते हैं।

विपक्ष का जोरदार हमला

विपक्ष, मुख्य रूप से कांग्रेस, ने इन रहस्यों को गंभीर बताते हुए मोदी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। वे इसे नैतिकता और पारदर्शिता का मुद्दा बता रहे हैं, जबकि भाजपा इसे "बोगस" और "नाम-ड्रॉपिंग" कहकर खारिज कर रही है। कांग्रेस के पवन खेड़ा ने एक्स पर कहा कि मोदी का नाम एपस्टीन के साथ जुड़ना "appalling" है, और ट्रैफिकिंग से जुड़े व्यक्ति से कोई भी कनेक्शन (डायरेक्ट या इनडायरेक्ट) खतरनाक है। पीएम से जवाबदेही मांगी। अगर कांग्रेस नेता का नाम होता तो भाजपा घृणित कैंपेन चलाती।


शिवसेना यूबीटी के संजय राउत ने कहा कि 19 दिसंबर को एक बड़ा राजनीतिक 'विस्फोट' होगा और इसका केंद्र अमेरिका होगा। इस विस्फोट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं टिक पाएंगे।
कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने कहा कि ये रहस्योद्घाटन "बहुत परेशान" करने वाले हैं, और पीएमओ से स्पष्टीकरण मांगा। पूछा कि मोदी का नाम एपस्टीन फाइलों में क्यों है, और सरकार क्यों चुप है। सुप्रिया श्रीनेत ने मंत्री हरदीप पुरी से कहा "come clean।" अनुमा आचार्य ने मुद्दे को गंभीर बताया, और पुरी से स्पष्टीकरण मांगा, खासकर महिलाओं के अधिकारों पर। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि भारत में "new PM soon" हो सकता है, हालांकि इसे hypothetical बताया।

सागरिका घोष (टीएमसी सांसद) ने एक्स पर कहा कि मोदी का नाम एपस्टीन ईमेल में आना चौंकाने वाला है, पीएमओ से जवाब का इंतजार है। कई कांग्रेस समर्थक नेताओं और पत्रकारों ने एक्स पर कहा कि अगर मोदी या उनके मंत्री का नाम किसी अन्य देश में ऐसे स्कैंडल में आता तो सरकार गिर जाती, लेकिन यहां मीडिया चुप है। वे इसे "sexplosion" और "mega scandal" कह रहे हैं, और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। भाजपा की ओर से अमित मालवीय और प्रदीप भंडारी ने इसे "drunk bragging" और "zero substance" कहा, और कांग्रेस को फुल थ्रेड पढ़ने की सलाह दी। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने फाइलें मंगाने की कोशिश की बात कही। कुल मिलाकर, विपक्ष इसे राजनीतिक हमले के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन कोई ठोस जांच की मांग नहीं उठी है।