इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 12 दिन तक चले इसराइल-ईरान संघर्ष के बाद मंगलवार रात को एक "ऐतिहासिक जीत" की घोषणा की। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि इसराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "नष्ट" कर दिया और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया। हालांकि, इस घोषणा के बावजूद, इसराइल में बड़े पैमाने पर कोई जश्न नहीं देखा गया, जबकि ईरान की सड़कों पर लोग खुशियां मना रहे हैं। वो इसराइल पर ईरान जीत के लिए सुप्रीम लीडर खामेनई का फोटो लेकर शहर से गांवों तक बाहर निकले। इसराइल में विपक्षी दलों ने अमेरिका-इसराइल-ईरान युद्धविराम समझौते पर सवाल उठाए हैं, और ग़ज़ा में युद्ध बंद करने को कहा है।

नेतन्याहू का दावा और इसराइल में माहौल 

नेतन्याहू ने मंगलवार रात को एक टेलीविजन संबोधन में कहा, "हमने ईरान के परमाणु खतरे को खत्म कर दिया है। यह जीत पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी। ईरान अब परमाणु हथियार नहीं बना सकता।" उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी तारीफ की, जिन्होंने ईरान के फोर्दू, नतांन्ज और इसफहान परमाणु स्थलों पर हमले किए। नेतन्याहू ने इसे "शांति के लिए ताकत" का उदाहरण बताया। इतने बड़े दावों के बावजूद इसराइल के किसी भी शहर में जश्न का माहौल नहीं है। इसराइल के तमाम शहर ईरान के मिसाइल हमले से प्रभावित हुए हैं। यहां तक कि सरकारी तौर पर भी जश्न आयोजित नहीं किया गया।

इसराइल में लोगों का ध्यान नुकसान और बंधक संकट पर ज्यादा

राजधानी तेल अवीव, हाइफा और बीरशेबा जैसे शहरों में लोग युद्ध के दौरान हुए नुकसान और बंधक संकट पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से गाजा में 20 बंधक अभी भी फंसे हुए हैं, और बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू पर ग़ज़ा में युद्ध समाप्त करने और बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल समझौता करने का दबाव डाला है। एक बंधक की मां, एनाव जंगौकर ने X पर लिखा, "इतिहास में एक अध्याय अभी भी अधूरा है। नेतन्याहू, ग़ज़ा में बंधकों को वापस लाएं।" बंधकों के मुद्दे पर नेतन्याहू के खिलाफ इसराइल में कई प्रदर्शन हुए हैं।
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इसराइली विपक्ष के सवाल और युद्धविराम समझौता 

इसराइल में विपक्षी दलों, विशेष रूप से येश अदीद के नेता याइर लैपिड और नेशनल यूनिटी के बेनी गैंट्ज़ ने नेतन्याहू के युद्धविराम समझौते पर सवाल उठाए हैं। लैपिड, जो पहले नेतन्याहू की ग़ज़ा नीति की आलोचना करते रहे हैं, ने युद्ध के दौरान उनकी कार्रवाई का समर्थन किया था, लेकिन अब उन्होंने कहा, "ग़ज़ा में युद्ध खत्म करने और बंधकों को वापस लाने का समय है। ईरान में जीत का दावा तब तक अधूरा है, जब तक ग़ज़ा का मुद्दा हल नहीं होता।"

युद्धविराम समझौता अस्पष्टः इसराइली विपक्ष

विपक्ष का कहना है कि अमेरिका द्वारा मध्यस्थता वाला युद्धविराम समझौता अस्पष्ट है और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह समाप्त करने में विफल रहा। अमेरिकी खुफिया समुदाय के एक शुरुआती आकलन के अनुसार, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला गया है, न कि पूरी तरह नष्ट किया गया। इसने नेतन्याहू और ट्रंप के दावों पर सवाल खड़े किए हैं।

ईरान में जश्न का माहौल 

दूसरी ओर, ईरान में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, इसे अपनी जीत के रूप में मना रहे हैं। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने मंगलवार को घोषणा की, "12 दिन के युद्ध का अंत हो गया है। हमारी जनता के वीरतापूर्ण प्रतिरोध ने इसराइल के साहसिक कदम को विफल कर दिया।" तेहरान, इसफहान और मशहद जैसे शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर जश्न मना रहे हैं। ईरान के कई गांवों में लोग आयतुल्लाह का पोस्टर लेकर जश्न मनाते दिखे। लेबनान की राजधानी बेरूत में हिज़्बुल्लाह समर्थक क्षेत्रों में आयतुल्लाह खामेनई को विजेता के रूप में दर्शाने वाले पोस्टर लगाए गए हैं।

हालांकि, ईरान में कुछ विपक्षी आवाजें, जैसे कि 'वूमन, लाइफ, फ्रीडम' आंदोलन के नेताओं ने युद्ध की निंदा की है। नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी और कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी ने कहा, "यह युद्ध न तो ईरानी जनता के लिए फायदेमंद है और न ही लोकतंत्र लाएगा।" फिर भी, ईरान में आम लोग इसे अपनी सरकार की दृढ़ता की जीत के रूप में देख रहे हैं।

क्या हिल रही है नेतन्याहू की कुर्सी

नेतन्याहू की "ऐतिहासिक जीत" की घोषणा के बावजूद, इसराइल में जश्न का अभाव और ग़ज़ा में बंधक संकट ने उनकी स्थिति को जटिल बना दिया है। विपक्ष का दबाव और युद्धविराम समझौते पर सवाल इस बात का संकेत हैं कि यह जीत उतनी स्पष्ट नहीं है, जितना दावा किया जा रहा है। इससे भविष्य में उनकी कुर्सी हटने की आशंका है। दूसरी ओर, ईरान में जनता का उत्साह और सरकार का दावा क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है। आने वाले दिन इस युद्धविराम की स्थिरता और ग़ज़ा संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।