अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में हुई एक गोलीबारी घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर ला दिया है। इस हमले में दो लोग घायल हुए, जिनमें से एक की मौत हो गई। संदिग्ध के रूप में अफगान मूल के रहमानुल्लाह लकनवाल का नाम सामने आया है, जिसकी पहचान और पृष्ठभूमि अब जांच के केंद्र में है। चौंकाने वाली बात यह है कि लकनवाल ने अफगानिस्तान में सीआईए के सबसे गोपनीय युद्ध इकाइयों में वर्षों तक काम किया था, जैसा कि सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने पुष्टि की है।



रॉयटर्स के अमेरिकी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, 29 वर्षीय लकनवाल को इस वर्ष ट्रंप प्रशासन के तहत शरणार्थी का दर्जा दिया गया था। वह मूल रूप से अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के बाद शुरू की गई पुनर्वास योजना के तहत जो बाइडेन प्रशासन द्वारा अमेरिका लाया गया था। उस वापसी ने अफगान सरकार के पतन और तालिबान की सत्ता में वापसी को तेजी से ट्रिगर किया था।

सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ने सीबीएस को दिए बयान में कहा, "बाइडेन प्रशासन ने कथित हमलावर को सितंबर 2021 में अमेरिका लाने का औचित्य अमेरिकी सरकार, जिसमें सीआईए शामिल है, के साथ कंधार में साझेदार बल के सदस्य के रूप में पूर्व काम के आधार पर दिया था। यह काम अराजक निकासी के तुरंत बाद समाप्त हो गया था।" लकनवाल ने 'जीरो यूनिट्स' में सेवा की थी। ये सीआईए समर्थित स्ट्राइक फोर्स थी जो तालिबान से लड़ती थी और 2021 के अंतिम दिनों में काबुल एयरपोर्ट की रक्षा की थी।

ताज़ा ख़बरें
एसोसिएटेड प्रेस को दो पूर्व कमांडरों और अफगानिस्तान में उसके रिश्तेदारों ने बताया कि लकनवाल ने कंधार में गार्ड के रूप में अपना करियर शुरू किया, बाद में टीम लीडर स्तर पर पहुंचा और इकाई के लिए जीपीएस ट्रैकिंग संभाला। उन्होंने उसे "खेलप्रिय और हंसमुख स्वभाव का व्यक्ति" बताया। तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जे के बाद उसकी पूरी टीम को अमेरिका ले जाया गया था।

क्रॉस-कंट्री ड्राइव और 'घात लगाकर' हमला

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, लकनवाल ने वाशिंगटन राज्य के बेलिंगहम से 2,500 मील से अधिक की दूरी तय कर डीसी पहुंचा, जहां उसने स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रॉम (20 वर्ष) और स्टाफ सर्जेंट एंड्र्यू वोल्फ (24 वर्ष) पर गोली चलाई। डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की यूएस अटॉर्नी जीनाइन पिरो ने इसे "एम्बुश-स्टाइल" (घात लगाकर) हमला करार दिया और पुष्टि की कि उसने .357 स्मिथ एंड वेसन रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया। सारा बेकस्ट्रॉम की मौत हो गई, जबकि एंड्र्यू वोल्फ की हालत गंभीर बनी हुई है।

घटना स्थल पर मौजूद अन्य नेशनल गार्ड सदस्यों ने लकानवाल पर गोली चलाकर उसे घायल किया और हिरासत में लिया। वह वर्तमान में अस्पताल में गार्ड के तहत भर्ती है और हत्या के इरादे से सशस्त्र हमला तथा हथियार संबंधी आरोपों का सामना कर रहा है।

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लकनवाल के अफगानिस्तान में अमेरिकी साझेदार बलों के साथ काम करने की बात को स्वीकार किया। पटेल ने कहा, "अमेरिका में प्रवेश से पहले संदिग्ध का अफगानिस्तान में साझेदार बलों के साथ संबंध था।"

अफगानियों को वीज़ा नहीं

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस गोलीबारी को "आतंक का कार्य" करार देते हुए सभी अफगान इमीग्रेशन अनुरोधों को निलंबित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "देश को अब बाइडेन के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका प्रवेश करने वाले हर एक विदेशी की पुन: जांच करनी होगी।" ट्रंप ने वाशिंगटन में अतिरिक्त 500 नेशनल गार्ड सदस्य तैनात करने का भी ऐलान किया। अगस्त से राजधानी में पहले से 2,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं।


यह घटना अमेरिकी आप्रवासन नीतियों, राष्ट्रीय सुरक्षा और अफगानिस्तान से जुड़े सहयोगियों की सुरक्षा पर सियासी बहस को और तेज कर रही है। जांच जारी है। लेकिन विकासशील देशों पर ट्रंप की नई इमीग्रेशन नीति असर ज़रूर डालेगी।