नेपाल के Gen Z प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में नेपाल के सबसे बड़े मीडिया हाउस कांतिुपर पब्लिकेशन्स की इमारत में आग लगा दी। यह मीडिया हाउस काठमांडू पोस्ट और कांतिुपर जैसे प्रमुख समाचार पत्रों का प्रकाशन करता है। इस इमारत में कई अन्य व्यावसायिक कार्यालय और उद्यम भी स्थित हैं। सोशल मीडिया पर आई इस घटना की तस्वीरों में आग की लपटों के बीच लोगों को इमारत से कूदकर जान बचाते देखा जा सकता है। इस घटना के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, कई मंत्रियों और नेताओं के निजी आवासों और अन्य सरकारी संपत्तियों पर भी हमला किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इसी बीच मीडिया हाउस पर हमले की ख़बर आई। अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कांतिुपर पब्लिकेशन्स की इमारत पर हमला किया और उसे आग लगा दी। यह इमारत नेपाल के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली मीडिया संगठनों में से एक है। काठमांडू पोस्ट और कांतिुपर जैसे समाचार पत्रों का प्रकाशन करता है। इस हमले के बाद काठमांडू पोस्ट की वेबसाइट भी बंद हो गई और संगठन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक बयान जारी कर कहा, 'आज हमारी इमारत पर हमला हुआ और उसे आग लगा दी गई। हमारे सर्वर डाउन हैं, इसलिए हम अपनी सभी खबरें और अपडेट्स सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।'
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कांतिुपर पब्लिकेशन्स नेपाल का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मीडिया संगठन है, जिसके समाचार पत्र और टेलीविजन चैनल देश में बड़े पैमाने पर पढ़े और देखे जाते हैं। यह हमला प्रेस की स्वतंत्रता पर एक गंभीर हमला माना जा रहा है। नेपाल में पहले भी मार्च 2025 में प्रो-मोनार्की प्रदर्शनकारियों ने अन्नपूर्णा पोस्ट और कांतिुपर टेलीविजन जैसे मीडिया हाउसों पर हमला किया था। इस बार, हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन इमारत में मौजूद कर्मचारियों और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।

मंत्रालयों के मुख्यालय पर भी हमला

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और कार्यालयों के मुख्यालय सिंघा दरबार में घुसकर तोड़फोड़ की और आगजनी की। एक प्रदर्शनकारी ने वहां मौजूद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की तस्वीर को आग में फेंक दिया। 

प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, और अन्य नेताओं के आवासों पर भी हमला किया और उन्हें आग के हवाले कर दिया।

नेपाल में प्रोटेस्ट क्यों?

नेपाल में यह आंदोलन तब शुरू हुआ जब सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, और एक्स सहित 26 से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध को सोमवार रात हटा लिया गया, लेकिन तब तक यह विरोध भ्रष्टाचार और सरकारी जवाबदेही की मांग में बदल चुका था। सोमवार को काठमांडू, पोखरा, भैरहवा, इटहरी और चितवन जैसे शहरों में हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें पुलिस की गोलीबारी में कई लोग मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को काठमांडू में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए संसद भवन में घुसकर उसे आग लगा दी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कांतिुपर पब्लिकेशन्स की इमारत को निशाना बनाया।
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प्रदर्शनकारियों की मांगें 

Gen Z प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई और सरकारी जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। उनकी मांगों में भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई, पारदर्शी शासन, और युवाओं के लिए बेहतर अवसर शामिल हैं। सोशल मीडिया पर नेताओं में भाई-भतीजावाद के ख़िलाफ़ अभियान ने प्रदर्शनकारियों के गुस्से को और हवा दी, जो राजनेताओं और उनके परिवारों की ऐशोआराम की जीवनशैली की निंदा करते हैं।

Gen Z यानी युवाओं के बीच लोकप्रिय काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। अब और जान-माल का नुकसान नहीं होना चाहिए। यह हमारा सामूहिक नुकसान है। आपकी पीढ़ी को अब देश का नेतृत्व करना है।'

नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया

प्रदर्शनों की हिंसा को देखते हुए नेपाल सरकार ने काठमांडू और अन्य शहरों में कर्फ्यू लगा दिया। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी बंद कर दिया गया। नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शनकारियों से संयम और संवाद की अपील की है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा देते हुए कहा, 'मैंने समस्या के समाधान और इसे राजनीतिक रूप से हल करने की सुविधा के लिए इस्तीफा दिया है।' उनके इस्तीफे के बाद तीन अन्य मंत्रियों ने भी अपने पद छोड़ दिए। इसके अलावा 21 सांसदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।
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भारत से सटी सीमा पर हाई अलर्ट

नेपाल में चल रही अशांति के कारण भारत ने अपनी 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पानीटंकी सीमा पर सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी और पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को नेपाल में सावधानी बरतने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।

काठमांडू में कांतिुपर पब्लिकेशन्स की इमारत पर हमला और आगजनी नेपाल में Gen Z के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों की गंभीरता को दिखाता है। इन प्रदर्शनों ने न केवल नेपाल की राजनीति को हिलाकर रख दिया, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी सामने लाया। प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बावजूद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।