ईरान ने बुधवार को वैश्विक कूटनीति में तब तूफ़ान ला दिया जब इसकी संसद ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी संगठन यानी आईएईए के साथ सहयोग निलंबित करने का विधेयक पास कर लिया। ईरान का फ़ैसला तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह तबाह हो चुका है।
ईरानी संसद में आईएईए से सहयोग नहीं करने का विधेयक पास; क्या फिर तनाव बढ़ेगा?
- दुनिया
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- 25 Jun, 2025
Iran Nuclear Program: ईरान की संसद ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी से सहयोग बंद करने का विधेयक क्यों पारित किया है? क्या यह उसकी दबाव बनाने की रणनीति है या फिर परमाणु कार्यक्रम में आगे बढ़ने का संकल्प?

ट्रंप ने एक दिन पहले ही दावा किया था कि ईरान अब कभी भी परमाणु कार्यक्रम नहीं कर पाएगा। इसी बीच, ईरान की संसद ने बुधवार को आईएईए के साथ सहयोग निलंबित करने वाला विधेयक भारी बहुमत से पारित कर दिया। ईरान की इस्लामिक परामर्श सभा यानी संसद के 223 सांसदों में से 221 ने पक्ष में वोट किया। इसमें कोई विरोधी वोट नहीं पड़ा और केवल एक सांसद ने मतदान से दूरी बनाई। इस विधेयक के तहत ईरान अब आईएईए के साथ निरीक्षण, निगरानी और रिपोर्टिंग गतिविधियों में सहयोग बंद कर देगा। ये गतिविधियाँ परमाणु अप्रसार संधि यानी एनपीटी के तहत अनिवार्य हैं। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी नूरन्यूज़ के अनुसार, यह कदम तब तक लागू रहेगा जब तक ईरान की परमाणु फ़ैसिलिटी की सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती।