कनाडा के नेता विपक्ष पियरे पोइलीवरे
ओएफआईसी के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पत्र में लिखा, कार्यक्रम रद्द करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। ओएफआईसी ने कहा, "कनाडा और भारत के बीच मौजूदा कूटनीतिक स्थिति के कारण इस कार्यक्रम से राजनेताओं के अचानक पीछे हटने ने हमें ठगा हुआ और अन्यायपूर्ण तरीके से अलग किए जाने का एहसास कराया है।"
कनाडा पर पूर्वाग्रह का आरोपः ओएफआईसी ने पत्र में लिखा है- "यह पत्र इंडो-कनाडाई समुदाय की सामूहिक आवाज है, विशेष रूप से 850,000 हिंदू कनाडाई, एक ऐसा समुदाय है, जो शिक्षित, समृद्ध, कानून का पालन करने वाला है। पोइलिवरे के इस कदम से यह बात सामने आ गई कि कनाडा में भारतीय समुदाय को कैसे "बाहरी" माना जाता है। यह केवल एक रद्द किए गए दिवाली कार्यक्रम या एक ऐसे कार्यक्रम के बारे में नहीं है जिसमें राजनेता शामिल होने की अपनी प्रतिबद्धता से मुकर जाते हैं। यह एक बहुत गहरी और घातक चोट है। कनाडा में नस्लवाद और भेदभाव पनप रहा है, और इस घटनाक्रम ने यहां के सिस्टम के पूर्वाग्रह को उजागर कर दिया है।”