पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले में आयोजित एक रैली ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ गहरे संबंधों को उजागर किया है। इस रैली में पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक राशिद अहमद खान और पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक मुहम्मद अहमद खान, लश्कर-ए-तैबा (एलईटी) के कमांडर सैफुल्लाह कसूरी, तल्हा सईद (हाफिज सईद का बेटा) और आमिर हमजा के साथ मंच पर नजर आए। यह रैली पाकिस्तान मर्कजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) द्वारा 'यौम-ए-तकबीर' के अवसर पर आयोजित की गई थी, जिस पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ पड़ती है।

रैली में लश्कर-ए-तैबा के कमांडर सैफुल्लाह कसूरी, जिन्हें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, ने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। कसूरी ने दावा किया कि इस हमले के बाद उनकी "विश्व स्तर पर प्रसिद्धि" बढ़ गई है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने कहा, "मुझे पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया गया, अब मेरा नाम पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है।"

रैली में मौजूद तल्हा सईद, जो भारत की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में 32वें स्थान पर है, ने भी भारत के खिलाफ जिहादी नारे लगाए और 'नारा-ए-तकबीर' का आह्वान किया। तल्हा ने पहलगाम हमले को "नाटक" करार देते हुए दावा किया कि उनके पिता हाफिज सईद, जो 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हैं, पाकिस्तान सरकार की "शांतिपूर्ण सुरक्षा" में हैं।

ताज़ा ख़बरें

पाकिस्तान के खाद्य मंत्री मलिक राशिद ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा, "24 करोड़ पाकिस्तानी आज हाफिज सईद और सैफुल्लाह कसूरी जैसे लोगों द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाते हैं।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि शहबाज शरीफ सरकार लश्कर कमांडर मुद्दसिर के भाई को नौकरी देगी, जो मुरीदके में लश्कर के मुख्यालय पर भारत के हवाई हमले में मारा गया था।

रैली में पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों की मौजूदगी ने इस बात को और पुख्ता किया कि पाकिस्तान का सरकारी तंत्र आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भारत के लिए एक गंभीर सवाल उठाती है कि क्या पाकिस्तान के साथ किसी भी शांति प्रक्रिया या बातचीत को आगे बढ़ाया जा सकता है, जब उसके मंत्री खुले तौर पर भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं।

इस रैली में आमिर हमजा, जो लश्कर-ए-तैबा का सह-संस्थापक और ग्लोबल आतंकी है, ने भी खालिस्तान समर्थक नारे लगाए, जिससे भारत के पंजाब में अशांति फैलाने की पाकिस्तान की मंशा जाहिर होती है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो की वैश्विक स्तर पर घटना की निंदा की गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने अपने एक्स अकाउंट पर इस रैली की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद और हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद, पंजाब विधानसभा के स्पीकर मलिक मुहम्मद अहमद खान के साथ मंच पर।"

दुनिया से और खबरें

भारत ने इस घटना को पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति दोहरे रवैये का सबूत बताते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात के भुज में एक रैली में कहा था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल बंद नहीं करता, तो उसे भारत की गोलियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यह रैली और इसमें दी गई भड़काऊ बयानबाजी भारत-पाक संबंधों के लिए एक चुनौती है।