अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत और धमकियों के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अमेरिका के दक्षिणपंथी पत्रकार और एक्टिविस्ट मैट फॉर्नी ने एक पोस्ट में चेतावनी दी है कि 2026 में भारतीयों और हिंदू मंदिरों पर बड़े हमले होंगे। उन्होंने कहा है कि सभी भारतीय-अमेरिकियों को उनकी सुरक्ष के लिए भारत वापस डिपोर्ट कर दिया जाए।

हालाँकि, विवाद बढ़ने पर यह पोस्ट अब डिलीट कर दी गई है, लेकिन स्क्रीनशॉट वायरल हो गए हैं और सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हो रही है। इस मामले ने यह दिखा दिया है कि कुछ लोग कितने नस्लवादी हैं और किस तरह से भारतीयों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के अभियान में जुटे हुए हैं। इसको लेकर समय समय पर रिपोर्टें भी आती रही हैं। हाल में सोशल मीडिया पर भारतीयों के ख़िलाफ़ ऐसी ही नस्लवादी टिप्पणियों को लेकर चिंताजनक रिपोर्ट आई है।
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भारतीयों के खिलाफ नफरत क्यों बढ़ रही?

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान से ही एच-1बी वीजा और भारतीय टेक वर्कर्स पर हमले बढ़े हैं। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद मागा यानी 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' समर्थक और चरमपंथी ज़्यादा आक्रामक हो गए हैं।

सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ ऑर्गनाइज्ड हेट की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में एक्स पर भारतीयों के खिलाफ नफरती पोस्ट्स बढ़ी हैं। नवंबर 2025 की सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि अक्टूबर में क़रीब 2700 पोस्टों में भारतीयों और भारतीय-अमेरिकियों के खिलाफ नस्लवाद था।
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फॉर्नी ने पोस्ट में क्या कहा?

अब डिलीट हो चुकी पोस्ट में फॉर्नी ने लिखा है कि 2026 में अमेरिका में भारतीयों के ख़िलाफ़ नफ़रत चरम पर पहुँच जाएगी। भारतीय मूल के लोग, उनके घर, बिजनेस और हिंदू मंदिर गोलीबारी और बम धमाकों के निशाने पर होंगे। उन्होंने दावा किया कि हमले ह्वाइट अमेरिकियों से नहीं, बल्कि अफ्रीकी-अमेरिकी, हिस्पैनिक-अमेरिकी या पाकिस्तानी मूल के लोग करेंगे। मीडिया इन अपराधों को छिपाएगा, जैसे कोविड के समय एशियाई लोगों पर हमलों को दबाया गया था।

फॉर्नी ने खुद को अमेरिका में शांति चाहने वाला बताया और कहा कि मैं किसी भी हिंसा की निंदा करता हूं, इसे रोकने का एक ही तरीका है- सभी भारतीयों को उनकी सुरक्षा के लिए डिपोर्ट कर दो।

मैट फॉर्नी कौन हैं?

मैट फॉर्नी एक अमेरिकी कॉलमिस्ट और पत्रकार हैं, जो भारतीयों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे कमेंट्स के लिए जाने जाते हैं। वे लगातार सोशल मीडिया पर भारतीयों को डिपोर्ट करने की मांग करते रहते हैं। हाल ही में नवंबर 2025 में उन्हें अमेरिकी न्यूज आउटलेट 'द ब्लेज' से निकाल दिया गया था। वहां वे एच-1बी वीजा और भारतीय मुद्दों पर रिपोर्टर थे। निकाले जाने की वजह उनके विवादित ट्वीट्स थे।

इससे पहले भी फॉर्नी ने ई-कॉमर्स कंपनी Etsy की नई सीईओ कृति पटेल गोयल को अयोग्य बताया था। उन्होंने कहा था कि वे अमेरिकी कर्मचारियों को निकालकर भारतीयों को रखेंगी। फॉर्नी ट्वीट्स में भारतीय डॉक्टरों, इंजीनियर्स और बिजनेस पर हमला करते रहते हैं।
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पोस्ट डिलीट क्यों की?

पोस्ट पर भारी आलोचना हुई। यूजरों ने फॉर्नी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। एक यूजर ने कहा कि वे कोडेड भाषा में धमकी दे रहे हैं। एक यूज़र ने एफ़बीआई को टैग किया और सजा की मांग की। भारत के विदेश मंत्रालय को भी टैग कर इंटरपोल नोटिस की सलाह दी गई। फॉर्नी ने बाद में सफाई दी कि उन्होंने पोस्ट डिलीट की क्योंकि भारतीयों ने मास रिपोर्टिंग शुरू कर दी थी। लेकिन स्क्रीनशॉट पहले ही वायरल हो चुके थे।

यह मामला अमेरिका में भारतीय समुदाय की सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाता है। लाखों भारतीय-अमेरिकी वहां काम करते हैं और योगदान देते हैं। लेकिन ऐसी नफ़रती बातें डर पैदा कर रही हैं। यह घटना दिखाती है कि नस्लवाद कितना खतरनाक हो सकता है।