फतवे की वजह से रुश्दी जब अंडरग्राउंड थे तो 2012 में "जोसेफ एंटोन" नाम से उनकी किताब आई थी। उन्होंने उस दौरान अपना यह नाम रख लिया था और बाद में एक किताब का शीर्षक भी इसी नाम पर दिया। उन्हें ब्रिटिश सुरक्षा मिली हुई थी। उससे जुड़े तमाम संस्मरण उन्होंने इस किताब में डाले। इस किताब के आने के बाद उन्हें असाधारण लेखक कहा गया। उनके बारे में प्रकाशित तमाम लेखों में कहा गया कि रुश्दी एक सामान्य लेखक नहीं हैं।