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फ़ोटो साभार: ट्विटर/@DefTechPat/@MaxarTechnologies

सैटेलाइट तसवीरों में दिखी यूक्रेन की सीमाओं पर रूसी सैनिकों की भारी तैनाती

यूक्रेन संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। रूसी आक्रमण के ख़तरे के बीच यूक्रेन की सीमाओं के आसपास पिछले कुछ घंटों में रूसी सैनिकों की भारी तैनाती की गई है। ऐसा सैटेलाइट तसवीरों में ही दिखा है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी तसवीरें ट्वीट की गई हैं जिसमें सड़कों पर भारी-भारी टैंक ले जाए जा रहे देखे जा सकते हैं। रेलवे से भी भारी मात्रा में युद्ध सामग्री ले जाए जाने की तसवीरें साझा की गई हैं।

बहरहाल, पिछले घंटों की सैटेलाइट तसवीरों में यूक्रेन की सीमाओं के आसपास रूसी तैनाती और सैन्य गतिविधि में वृद्धि दिखती है। मास्को ने पिछले 48 घंटों में बेलारूस, क्रीमिया और पश्चिमी रूस में भी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। मैक्सर के उच्च क्षमता के उपग्रह चित्र इस क्षेत्र में रूसी सैनिकों के एक विशाल ढाँचे को दिखाते हैं, जिसमें हमले के हेलीकॉप्टर और लड़ाकू-बम जेट शामिल हैं। सैनिकों की कई बड़ी टुकड़ियों के साथ ही जमीनी हमले वाले विमान की तैनाती भी दिखती है।

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एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जिन क्षेत्रों में रूस ने अपनी सेना बढ़ाई है, वे ज़्यादातर यूक्रेन के उत्तर और उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। इसमें यूक्रेन के दक्षिणपूर्व और क्रीमिया में एक बड़ा एयरबेस भी शामिल है, जिसे 2014 में रूस ने कब्जा कर लिया था। 10 फरवरी को क्रीमिया के ओक्त्रैब्रस्कोय हवाई क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को देखा गया था।

हमले जैसी स्थिति को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए चेतावनी जारी की है। जिन देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का आह्वान किया है, उनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, आयरलैंड, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, कनाडा, नॉर्वे, एस्टोनिया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इज़राइल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं। भारत ने भी अपने नागरिकों के लिए ऐसी ही सलाह जारी की है।

हमला कभी भी हो सकता है: अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को कहा है कि उसे विश्वास नहीं है कि रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण करने पर अंतिम निर्णय ले लिया है या नहीं, लेकिन वह अब बहुत कम या बिना किसी चेतावनी के आगे बढ़ सकते हैं। सैन्य कार्रवाई कभी भी हो सकती है। 

पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इस संकट में वार्ता के लिए आज यानी मंगलवार को यूरोप जाने की योजना बना रहे हैं।

ऑस्टिन ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय में बैठकें करेंगे और पोलैंड का दौरा करेंगे, जहां संयुक्त राज्य अमेरिका 3,000 और सैनिकों को तैनात करने की योजना बना रहा है। वह लिथुआनिया का भी दौरा करेंगे। इसके साथ ही अमेरिका ने चीन की इसलिए आलोचना की है कि वह यूक्रेन में संभावित हमले के लिए रूस का साथ दे रहा है। 

यूक्रेन संकट से निपटने के प्रयास अब तक विफल नज़र आ रहे हैं। हालाँकि, हमले को टालने के लिए राजनयिक वार्ता भी जारी है। कई यूरोपीय देश अभी भी मास्को के साथ बातचीत कर रहे हैं, तनाव को कम करने के लिए राजनयिक प्रयास कर रहे हैं।

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क्यों है तनातनी?

व्लादिमीर पुतिन नहीं चाहते कि यूरोपीय संघ और नाटो संगठन का फैलाव रूस की सीमा तक हो। इसलिए वे अमेरिका और नाटो से इस बात की गारंटी चाहते हैं कि यूक्रेन को नाटो और यूरोपीय संघ में शामिल नहीं किया जाएगा। जबकि अमेरिका और उसके साथी नाटो संगठन के देशों का कहना है कि पुतिन जिस गारंटी की मांग कर रहे हैं उसे दे पाना संभव ही नहीं है। क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय क़ायदे-कानूनों का उल्लंघन और यूक्रेन की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण होगा। अमेरिका और यूरोप के देश केवल इतना आश्वासन दे रहे हैं कि फ़िलहाल यूक्रेन को यूरोपीय संघ और नाटो की सदस्यता देने का न तो कोई प्रस्ताव है और न ही ऐसी कोई योजना है। पर वे यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि वे एकजुट होकर यूक्रेन के साथ हैं। अगर रूस ने यूक्रेन की सीमाओं को पार करने या और किसी तरह की गड़बड़ी करने की कोशिश की तो अमेरिका और यूरोपीय देश इसका जोरदार जवाब देंगे।
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