एक पाकिस्तानी चैनल पर बहस ख़त्म करते हुए स्तंभकार, क्रिकेट प्रशासक और गाहे ब गाहे राजनीति में भी सक्रिय नज़म सेठी ने देश के क्षितिज पर उभर रही उस काली आँधी का ज़िक्र किया जिसे ज़्यादातर लोग नज़रअंदाज़ करते हुए शुतुरमुर्ग की तरह गर्दन ज़मीन में गड़ा कर उसके गुज़र जाने की कामना कर रहे हैं। तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान नामक देश पर छा जाने को आतुर यह काली आँधी किसी शून्य से नहीं उपजी है। इसका सीधा रिश्ता पाकिस्तान के जन्म से जुड़े तर्कों से है।