शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हुई बहुप्रतीक्षित शिखर वार्ता में यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने या रोकने के लिए कोई समझौता नहीं हो सका। दोनों नेताओं ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताया, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया। हालांकि दोनों नेता अब मॉस्को में अगली मीटिंग करेंगे। पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को बुलाया है।
लगभग तीन घंटे तक चली इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने संक्षिप्त रूप से अपनी बात रखी। ट्रंप ने कहा, "हमने कुछ प्रगति की है, लेकिन कोई समझौता तभी होगा जब वह पूरी तरह तैयार होगा।" उन्होंने "शांति की खोज" लिखे बैकड्रॉप के सामने यह बात कही। पुतिन ने भी कुछ अस्पष्ट मुद्दों पर प्रगति की बात कही, लेकिन कोई विवरण नहीं दिया। दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया।
यह बैठक यूरोप में पिछले 80 वर्षों में सबसे घातक युद्ध को रोकने के लिए ट्रंप द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही। ट्रंप ने इस मुलाकात से पहले एक युद्धविराम और पुतिन के साथ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की मुलाकात कराने की इच्छा जताई थी, लेकिन इनमें से कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं हुआ।
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भारत के लिए अच्छी खबर नहीं

भारत के लिए यह खबर चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिकी टैरिफ का खतरा बना रह सकता है। ट्रंप ने हालांकि कहा कि अलास्का वार्ता में प्रगति के कारण वह फिलहाल चीन पर टैरिफ लगाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। ट्रंप ने भारत के खिलाफ 50 फीसदी टैरिफ घोषित किया है। भारत को 21 अगस्त तक का समय दिया है। उस दिन से ट्रंप टैरिफ लागू हो सकते हैं। इस समझौते से उम्मीद थी कि ट्रंप भारत को कुछ राहत देंगे। लेकिन अब तमाम तरह की आशंकाएं पैदा हो रही हैं।

युद्ध विराम को लेकर पुतिन उत्साहित नहीं

पुतिन ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी इस वार्ता के परिणामों को रचनात्मक रूप से स्वीकार करेंगे और "उभरती प्रगति को बाधित" करने की कोशिश नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी दोहराया कि युद्ध के "मूल कारणों" को खत्म किए बिना दीर्घकालिक शांति संभव नहीं है, जो यह दर्शाता है कि वह युद्धविराम के प्रति अनिच्छुक हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जिन्हें इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया था, ने कहा कि यह बैठक "न्यायपूर्ण शांति" और त्रिपक्षीय वार्ता की दिशा में रास्ता खोलनी चाहिए थी। उन्होंने टेलीग्राम पर लिखा, "युद्ध को समाप्त करने का समय आ गया है, और इसके लिए रूस को आवश्यक कदम उठाने होंगे। हम अमेरिका की मजबूत स्थिति पर भरोसा करते हैं।"

जेलेंस्की को अमेरिका पर भरोसा

बैठक के दौरान युद्ध जारी रहा, पूर्वी यूक्रेन के अधिकांश क्षेत्रों में हवाई हमले के अलर्ट थे। रूस के रोस्तोव और ब्रायंस्क क्षेत्रों के गवर्नरों ने बताया कि उनके कुछ इलाकों पर यूक्रेनी ड्रोन हमले हुए। यूक्रेन के विपक्षी सांसद ओलेक्सी होन्चारेंको ने टेलीग्राम पर कहा, "ऐसा लगता है कि पुतिन ने अपने लिए और समय खरीद लिया है। कोई युद्धविराम या तनाव कम करने पर सहमति नहीं बनी।"

ट्रंप अब पुतिन-जेलेंस्की की मीटिंग कराएंगे

इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, रूसी विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी शामिल थे। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के सीन हैनिटी से कहा कि वह अब पुतिन और जेलेंस्की के बीच एक बैठक की व्यवस्था करेंगे, जिसमें वह भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसकी कोई समय-सीमा या आयोजक का विवरण नहीं दिया।
पुतिन के लिए यह बैठक पहले से ही एक बड़ी जीत थी, क्योंकि 2022 में यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से पश्चिमी नेताओं ने उन्हें अलग-थलग कर दिया था। पुतिन, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा युद्ध अपराध के लिए वांछित किया गया है, ने इस मुलाकात को रूस की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में वापसी के रूप में पेश किया।
ट्रंप ने इस युद्ध को 24 घंटे में खत्म करने का वादा किया था, लेकिन गुरुवार को उन्होंने स्वीकार किया कि यह काम जितना उन्होंने सोचा था, उससे कहीं अधिक कठिन है।