अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ग़ज़ा में संघर्ष को ख़त्म करने के लिए पेश की गई अपनी 20-सूत्री शांति योजना पर हमास को 'तीन या चार दिन' का अल्टीमेटम दे दिया। व्हाइट हाउस से निकलते हुए ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर हमास ने योजना को स्वीकार नहीं किया तो इसका 'बहुत दुखद अंत' होगा। यह बयान इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ सोमवार को हुई बैठक के एक दिन बाद आया, जहाँ योजना को अंतिम रूप दिया गया। योजना में तत्काल युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और हमास के निरस्त्रीकरण जैसे प्रमुख बिंदु शामिल हैं। हमास ने योजना का अध्ययन करने का वादा किया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि असहमति की संभावना अधिक है, जो संघर्ष को और लंबा खींच सकती है।

ट्रंप का यह बयान मध्य पूर्व में शांति प्रयासों को नई गति देने का प्रयास है, लेकिन यह विवादास्पद भी है। योजना को अरब और मुस्लिम देशों का समर्थन मिल चुका है, लेकिन हमास की ओर से कोई साफ़ प्रतिक्रिया नहीं आई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'हमास या तो इसे करेगा या नहीं, और अगर नहीं करेगा तो यह एक बहुत दुखद अंत होगा।' उन्होंने आगे बातचीत की गुंजाइश को 'बहुत कम' बताया। यह बयान ग़ज़ा में जारी मानवीय संकट के बीच आया है, जहां संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भुखमरी और कुपोषण से सैकड़ों लोग मर चुके हैं।
ताज़ा ख़बरें

20-सूत्री प्रस्ताव में क्या है?

ट्रंप और नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान योजना की रूपरेखा जारी की। यह योजना पिछले दो साल में प्रस्तावित कई युद्धविराम समझौतों पर आधारित है, लेकिन इसमें अमेरिकी नेतृत्व का मजबूत जोर है। युद्धविराम लागू होते ही हमास को इसराइली बंधकों को 72 घंटों के अंदर रिहा करना होगा। हमास को अपनी सैन्य क्षमता तत्काल समर्पित करनी होगी और ग़ज़ा पर नियंत्रण छोड़ना होगा। इसराइली सेना ग़ज़ा से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटेगी, लेकिन सीमा पर एक बफर जोन बनाए रखेगी। इसराइल को 1000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा, जिनमें कई उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। ग़जा के 23 लाख निवासियों के लिए तत्काल सहायता में वृद्धि, जिसमें भोजन, दवा और पुनर्निर्माण शामिल है।

ट्रंप ने योजना को सभ्यता के इतिहास का एक महान दिन बताया और कहा कि यह स्थायी शांति ला सकती है। नेतन्याहू ने योजना का समर्थन किया, लेकिन चेतावनी दी कि अगर हमास ने इसे ठुकराया या स्वीकार करने के बाद तोड़ा तो इसराइल काम पूरा करेगा।

हमास की प्रतिक्रिया

हमास ने मंगलवार को कहा कि वह योजना का आंतरिक और अन्य फिलिस्तीनी गुटों के साथ परामर्श करेगा। यह समझौता हमास के लिए एक कड़वी गोली है। हमास के करीबी सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि वे इसे इसराइल के पक्ष में पूरी तरह से भेदभावपूर्ण मानते हैं और इस पर असंभव शर्तें थोपी गई हैं, जिनका मकसद इस समूह को खत्म करना था।

एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि ट्रंप ने जो प्रस्ताव दिया है, वह इसराइल की सभी शर्तों को पूरी तरह से लागू करता है, जिससे फिलिस्तीनी लोगों और ग़ज़ा पट्टी के निवासियों को कोई भी वैध अधिकार नहीं मिलेगा।

एक फिलिस्तीनी स्रोत के अनुसार, चर्चाएं जटिलताओं के कारण कई दिनों तक चल सकती हैं। कतर और मिस्र के अधिकारियों ने हमास को योजना सौंपी है, लेकिन कोई समयसीमा तय नहीं की गई। हमास की मुख्य मांग इसराइल की ग़ज़ा से पूर्ण वापसी है, जो योजना में नहीं है। एक वरिष्ठ हमास अधिकारी ने कहा, 'हम योजना का अध्ययन करेंगे, लेकिन इसराइली कब्जे के बिना कोई सौदा स्वीकार्य नहीं।'

हमास के पास क्या रास्ता?

कई पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि हमास के पास ज़्यादा विकल्प नहीं होंगे, क्योंकि सऊदी अरब, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, क़तर और मिस्र के विदेश मंत्रियों ने पहले ही इस समझौते का स्वागत कर दिया है। सोमवार को नेतन्याहू ने 9 सितंबर को दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाकर किए गए हमले के लिए क़तार से माफी भी मांगी।

रिपोर्टों के अनुसार, हमास की शीर्ष नेतृत्व को शरण दे रहे क़तर ने इस संगठन को शांति समझौते को स्वीकार करने के लिए नेतन्याहू से माफी मांगने की शर्त रखी थी।
दुनिया से और ख़बरें

ग़ज़ा संघर्ष का लंबा इतिहास

यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इसराइल पर हमले से भड़का था, जिसमें 1200 इसराइली मारे गए और 250 बंधक बनाए गए। इसराइल की जवाबी कार्रवाई में ग़ज़ा में 40 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए। दो साल में कई युद्धविराम प्रयास विफल हो चुके हैं। ट्रंप ने 2024 चुनाव अभियान में वादा किया था कि वे संघर्ष जल्द समाप्त करेंगे। 

शांति या युद्ध का नया दौर?

यदि हमास ने प्रस्ताव को ठुकराया, तो इसराइल की सैन्य कार्रवाई तेज हो सकती है, जो क्षेत्रीय तनाव बढ़ा सकती है।

यह योजना मध्य पूर्व शांति के लिए एक अहम मोड़ हो सकती है, लेकिन जानकारों का कहना है कि बिना सभी पक्षों की सहमति के यह विफल हो सकती है। ग़ज़ा में सहायता वितरण केंद्रों पर भीड़ बढ़ रही है, जहाँ लोग ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दुनिया हमास के जवाब का इंतजार कर रही है–क्या यह शांति की शुरुआत होगी या 'दुखद अंत' का संकेत? समय ही बताएगा।