यूक्रेन ने रूस के ख़िलाफ़ अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमलों में से एक को अंजाम दिया है और 40 से अधिक रूसी युद्धक विमानों को निशाना बनाया है। इस हमले ने रूसी सैन्य उड्डयन को गंभीर झटका दिया है। रायटर्स ने यूक्रेन की सुरक्षा सेवा यानी एसबीयू के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। हालाँकि इसने कहा है कि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि की जानी बाक़ी है। सोशल मीडिया पर ड्रोन हमले के फुटेज वायरल हो रहे हैं। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में रूस के ए-50 प्रारंभिक चेतावनी विमान, टीयू-95 रणनीतिक बमवर्षक, और टीयू-22एम3 जैसे रणनीतिक बमवर्षक विमानों को भारी नुक़सान पहुंचा है। यह हमला रूस के ओलेन्या और बेलाया हवाई अड्डों पर केंद्रित था। 

इस ऑपरेशन को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट किया है, 'आज, एक शानदार ऑपरेशन को अंजाम दिया गया— दुश्मन के क्षेत्र में, जिसमें केवल सैन्य लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, विशेष रूप से वह उपकरण जो यूक्रेन पर हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था। रूस को भारी नुकसान हुआ — जो पूरी तरह से उचित था और इसके वे हकदार थे।'
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मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यूक्रेन ने शनिवार देर रात रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए। इनमें साइबेरिया के अंदरुनी इलाकों में स्थित बेलाया हवाई अड्डा और ओलेन्या हवाई अड्डा प्रमुख रूप से शामिल थे। यूक्रेन की ओर से इस्तेमाल किए गए एफपीवी यानी फर्स्ट पर्सन व्यू ड्रोनों ने रूसी हवाई अड्डों पर खड़े विमानों को निशाना बनाया। इसके परिणामस्वरूप दर्जनों विमानों को नुकसान पहुंचा या पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि यह हमला रूस की लंबी दूरी की हमलावर क्षमता को कमजोर करने के लिए एक प्रयास था। इस हमले में अनुमानित नुकसान 2 बिलियन डॉलर से अधिक का बताया जा रहा है, जो इसे युद्ध के दौरान यूक्रेन के सबसे प्रभावशाली ड्रोन हमलों में से एक बनाता है।
रिपोर्टों के अनुसार सैटेलाइट इमेजेज ने हमले की सटीकता और व्यापकता की पुष्टि की है, जिसमें रूसी हवाई अड्डों पर भारी तबाही और ढांचे को नुकसान पहुंचने के सबूत मिलते दिख रहे हैं। ख़ासकर बेलाया हवाई अड्डे पर बड़े पैमाने पर नुकसान की ख़बरें हैं, जहां रणनीतिक बमवर्षक विमानों को नष्ट किया गया। यह हमला यूक्रेन की सैन्य रणनीति में एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि रूस इन विमानों का उपयोग यूक्रेन पर बमबारी के लिए करता रहा है।

रूसी अधिकारियों ने हमले की गंभीरता को कम करने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों ने हवाई अड्डों पर जलते हुए विमानों की तस्वीरें दिखाईं। 

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम वार्ता की तैयारियाँ चल रही थीं। जानकारों का मानना है कि यूक्रेन ने इस हमले के माध्यम से रूस को वार्ता से पहले कमजोर करने की रणनीति अपनाई।

यह हमला रूस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब यूक्रेन ने साइबेरिया के इतने अंदरुनी इलाकों में ड्रोन हमले किए हैं।

एक्स पर इस हमले को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। एक यूजर ने लिखा, 'यूक्रेन ने रूस को दिखा दिया कि जंग कैसे लड़ी जाती है। यह कोई युद्धविराम से हल होने वाला मामला नहीं है।' एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, 'पश्चिम यूक्रेन की आड़ में रूस के धैर्य की सीमा को परख रहा है। यह पर्ल हार्बर जैसा क्षण हो सकता है।' हालांकि, कुछ यूजरों ने इस हमले को विश्व युद्ध की ओर बढ़ने का संकेत माना, जिससे वैश्विक चिंता बढ़ रही है।
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जानकारों का कहना है कि यह हमला यूक्रेन की ड्रोन तकनीक और रणनीति में प्रगति को दिखाता है। इस हमले ने रूस के रक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है। यूक्रेन का दावा है कि उसने हवाई अभियानों को नहीं रोका, बल्कि और तेज कर दिया। यह हमला यूक्रेन की सैन्य रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ता है, जिसमें ड्रोन और सटीक हमले करने वाले हथियारों का इस्तेमाल बढ़ रहा है।

यूक्रेन का यह ड्रोन हमला रूस-यूक्रेन युद्ध में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। 40 से अधिक रूसी युद्धक विमानों को नष्ट करने का दावा, यदि सही हुआ तो यह युद्ध के दौरान यूक्रेन का सबसे विनाशकारी हमला होगा। यह हमला न केवल रूस की सैन्य क्षमता को कमजोर करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर यूक्रेन की स्थिति को भी मजबूत करता है। हालाँकि, युद्धविराम वार्ता से पहले इस हमले ने क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव को और बढ़ा दिया है।