डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्होंने काँटे की टक्कर में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व मौजूदा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को हराया है। वह अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। 
पिछले चार दिनों से चल रही वोटों की गिनती के बाद बाइडन ने पेनसिलवेनिया राज्य का चुनाव जीत लिया है, उनके खाते में उस राज्य के सभी 20 इलेक्टोरल वोट आ गए। इसके साथ ही बाइडन को 273 इलेक्टोरल वोट हासिल हो गए। किसी भी उम्मीदवार को यह चुनाव जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की ज़रूरत होती है। 

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इसके साथ ही कमला हैरिस अमेरिका का उप राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला बन जाएंगी। इसके अलावा अमेरिका के उप राष्ट्रपति पद पर पहुँचने वाली वह पहली भारतीय हैं। तमिल मूल की कमला की मां चेन्नई से थीं, जबकि उनके पिता जमैका के हैं। कमला के पिता अश्वेत थे, इस लिहाज से वह अमेरिका की पहली अश्वेत उप राष्ट्रपति भी होंगी। 

कमला हैरिस, अमेरिका की अगली उप राष्ट्रपति

अमेरिकी संविधान में उप राष्ट्रपति का चुनाव अलग से नहीं होता है, राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार अपना ‘रनिंग मेट’ मनोनीत करता है। जो उम्मीदवार चुनाव जीत कर राष्ट्रपति बनता है, उसका रनिंग मेट उप राष्ट्रपति होता है। इस तरह कमला हैरिस अमेरिका की अगली उप राष्ट्रपति होने वाली हैं। 

जो बाइडन बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते उप राष्ट्रपति थे। वह डेलावेअर के सबसे लंबे समय तक सीनेटर रहने वाले नेता भी हैं। 

'घाव भरेंगे'

जो बाइडन ने चुनाव नतीजों को स्वीकार करने वाला पारंपरिक भाषण अभी नहीं दिया है। पर उनकी प्रचार टीम ने संकेत दिया है कि बाइडन की नीतियाँ ट्रंप से बिल्कुल अलग होंगी। 

बाइडन प्रचार टीम ने कहा है कि राष्ट्रपति बीते चार सालों में देश को मिले घावों को भरने का काम करेंगे, वह देश में विभाजन और ध्रुवीकरण से हुए नुक़सान को ठीक करने की कोशिश करेंगे, वह पूरे देश के राष्ट्रपति होंगे और सबके लिए समान रूप से काम करेंगे।

जो बाइडन ने एक बयान में कहा है कि वह 'अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर बहुत ही गौरवान्वित और विनम्र हैं'। उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि वह 'सबके लिए काम करेंगे, जिन्होने उन्होंने वोट दिया है उनके लिए और जिन्होने उन्हें वोट नहीं दिया है, उनके लिए भी।' 

क्या कहा हिलेरी क्लिंटन ने?


अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री और प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन ने कहा, 'जनता ने अपनी बात कह दी है, उन्होंने जो बाइडन और कमला हैरिस को हमारा राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुना है। यह अमेरिका के लिए नया पेज है, यह ट्रंप को खारिज करना है।' 

हिलेरी क्लिटंन ने 2016 में ट्रंप के ख़िलाफ़ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था। उन्हें ट्रंप से अधिक पॉपुलर वोट मिले थे, लेकिन इलेक्टोरल वोट में ट्रंप ने बाजी मार ली थी। 
इस बीच जो बाइडन ने एक बयान जारी कर कहा कि 'यह अमेरिका के एकजुट होने का समय है। इस नतीजे से यह साबित हो गया है कि लोकतंत्र अमेरिकी की धड़कन है।' 
उप राष्ट्रपति निर्वाचित कमला हैरिस ने कहा कि 'यह चुनाव उनके या जो बाइडन तक सीमित नहीं है, यह अमेरिका की आत्मा और उसके लिए संघर्ष करने से जुड़ा हुआ है।' उन्होंने कहा, 'हमे बहुत काम करना है और हमें अब शुरू कर देना चाहिए।' 

क्या करेंगे ट्रंप?


पेनसिलवेनिया का नतीजा निकलने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप वर्जीनिया के स्टर्लिंग स्थित नैशनल गॉल्फ़ क्लब पहुँच गए। यह उनका अपना गॉल्फ़ क्लब हैं और वह स्वयं भी इस खेल के शौकीन हैं। समझा जाता है कि वह अपने सहयोगियों के साथ बैठक करेंगे और यह तय करेंगे कि उन्हें आगे क्या करना है। 




ट्रंप :  चुप नहीं बैठूंगा

डोनल्ड ट्रंप ने एक बयान में संकेत दिया है कि वह सोमवार को इस नतीजे के ख़िलाफ़ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा है, 'सोमवार से हमारी प्रचार टीम अदालत में मुक़दमा शुरू करेगी ताकि निर्वाचन के नियम लागू किए जा सकें और सही विजेता कुर्सी पर बैठ सके।' 

उन्होंने कहा, 'जब तक अमेरिका की जनता को वोटों की ईमानदार गिनती नहीं मिलता, जिसके वे हक़दार हैं, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।' 
ट्रंप प्रचार टीम के कुछ लोगों ने सीएनएन को यह भी कहा कि दरअसल ट्रंप के बेटे और रूडी गिलियानी का वोट गिनने वालों की निष्पक्षता पर अंगुली उठाना ग़लत था, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। इससे यह साफ हो गया है कि राष्ट्रपति आसानी से हार नहीं मानने वाले हैं।

इसके पहले डोनल्ड ट्रंप ने तीन राज्यों की गिनती रोकने के लिए अदालत में याचिका दायर कर दी थी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि ये तमाम बातें यह संकेत देती हैं कि ट्रंप आसानी हार नहीं मानेंगे। वह फोन कर बाइडन को बधाई तो क्या देंगे, उल्टे अदालत में चुनान के नतीजों को चुनौती दे देंगे। 

सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण!

फिलाडेल्फ़िया के मेयर जिम केनी ने वोटों की गिनती में किसी तरह के घपले से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘ईश्वर ने चाहा तो सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण हो जाएगा।’ 

केनी ने इसके आगे जोड़ा, ‘डोनल्ड ट्रंप को चाहिए कि वह अपनी हार मान लें और जीतने वाले को बधाई दे दें।’
वोटों की गिनती रोकने की डोनल्ड ट्रंप की मांग का ख़ुद उनकी पार्टी के ही लोगों ने विरोध किया है। सेनेटर मिच मैककॉनल ने कहा है कि ‘हर वैध वोट की गिनती होनी चाहिए, जिस किसी ने वोट दिया है और यदि वह वैध है तो उसकी गिनती होनी ही चाहिए, उसका महत्व है।’

सड़कों पर लोगों का सैलाब


सबकी निगाहें पहले से पेनसिलवेनिया पर टिकी हुई थीं। उस राज्य में बाइडन की जीत के साथ ही उन्हें ज़रूरी इलेक्टोरल वोट मिल गए और वह चुनाव जीत गए। इसके बाद पूरे अमेरिका के दसियों शहर में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए और जश्न मनाने लगे। 

ह्वाइट हाउस के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई, इसी तरह न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वैयर और दूसरे कई जगहों पर लोगों का सैलाब सड़कों पर उमर आया। 

बधाइयों का ताँता

दुनिया भर से बधाइयों का तांता लग गया। जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने कहा, 'यह अच्छा है कि नंबर स्पष्ट हो गया। हम अगली अमेरिकी सरकार के साथ काम करने को उत्सुक हैं। हम एक नई  ट्रांसअटलांटिक शुरुआत, एक नए समझौते का इंतजार कर रहे हैं।' 
जिम्बाबवे के राष्ट्रपति इमरसन मननगागवे ने ट्वीट कर कहा कि वह अपनी ओर से और देश की जनता की ओर से जो बाइडन को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दे रहे हैं। 
आयरलैंड के विदेश मंत्री साइमन कवेनी ने बधाई देते हुए कहा कि वह नए अमेरिकी प्रशासन के साथ मिल कर काम करना चाहते हैं और आयरलैंड-अमेरिकी रिश्तों को नई ऊँचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। 
बाइडन को भारत से भी बधाइयाँ मिली हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे भारत-अमेरिका रिश्ते और मजबूत होंगे।
बता दें कि जो बाइडेन का पूरा नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन जूनियर है। उनका जन्म 20 नवंबर, 1942 को पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। उनके पिता कैथोलिक आयरिश मूल के थे, जिनका नाम जोसेफ रॉबनेट बाइडेन था। उनकी माता का नाम कैथरीन यूजीन फिननेगन था। जो बाइडेन कुल तीन भाई और एक बहन थे, जो सबसे बड़े हैं। बाइडेन के पिता की माली हालत पहले अच्छी नहीं थी। बाद में जब उनके पिता कार सेल्समैन बने तब उनके घर की आर्थिक स्थिति बदली।